सार

उत्तर प्रदेश में तीसरे चरण में गाजियाबाद और मेरठ में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने का ऐलान कर सकती है। राजधानी लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और गौतमबुद्धनगर के बाद मेरठ पांचवां और गाजियाबाद छठा जिला बन जाएगा। जहां पर पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू होगा। आगामी 12 अप्रैल को आचार संहिता हटने के बाद कभी भी योगी आदित्यनाथ सरकार इसका ऐलान कर सकती है।

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश का राज्य और देश की राजधानी से सटा गाजियाबाद और पश्चिमी यूपी के अहम जिले मेरठ में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। राज्य में परिषदीय चुनाव होने के बाद सूबे से चुनाव आचार संहिता हटने के बाद योगी सरकार इससे संबंधित बड़ा ऐलान कर सकती है।

जल्द करेंगी इसका ऐलान
यूपी में विधान परिषद चुनाव के बाद सूबे में चुनाव आचार संहिता हटने के बाद आगामी 12 अप्रैल के बाद कभी भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद और मेरठ में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था को लागू करने का ऐलान कर सकती है। आगामी 12 अप्रैल के बाद कभी भी योगी आदित्यनाथ सरकार इसे लागू करने का जल्द ऐलान करेंगी। एक हफ्त में जिस तरह से गाजियाबाद में लूट का मामला सामने आया है उसके बाद योगी सरकार को यह उठाना ही पड़ेगा। 

बढ़ रहे अपराधों की वजह से एसएसपी को किया गया निलंबित
मिली जानकारी के मुताबिक, राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के अहम जिले गाजियाबाद में लगातार बढ़ रहे अपराध पर रोक लगाने और कानून व्यवस्था सुधारने के लिए प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार गाजियाबाद जिले में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू कर सकती है। दरअसल पिछले कई दिनों में गाजियाबाद मे हुई लूट के बाद से सरकार को यह फैसला लेने पड़ेगा। पिछले दिनों गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार के निलंबन के बाद जिले में किसी नए एसएसपी की नई तैनाती न होने के पीछे यही कारण बताया जा रहा है कि शहर में अपराध कम नहीं हो रहे है। वहीं, शासन से मिले सूत्रों की माने तो गाजियाबाद के साथ मेरठ में भी पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू होगी। 
 
पहली बार 2020 में शुरू हुआ था पुलिस कमिश्नरी 
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने साल 2020 में राजधानी लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में सबसे पहले पुलिस कमिश्नरी की शुरुआत की थी। इन जिलों में कानून व्यवस्था में जबरजस्त सुधार के बाद वाराणसी और कानपुर को भी पुलिस कमिश्नरी बना दिया गया था। इन चारों जिलों के बाद अब गाजियाबाद और मेरठ की बारी है। गाजियाबाद और मेरठ में पुलिस कमिश्नरी की शुरुआत से पहले मिली जानकारी के मुताबिक हापुड़ और हापुड़ और गाजियाबाद को मिलाकर नई कमिश्नरी बनाई जा सकती है। या फिर गाजियाबाद में एडिशनल पुलिस कमिश्नर को बिठाकर इसे नोएडा पुलिस कमिश्नरी का हिस्सा बनाया जा सकता है।

तीसरे चरण में गाजियाबाद और मेरठ की बारी 
फिलहाल उत्तर प्रदेश में इस समय विधान परिषद की 36 सीटों के लिए चुनाव आगमी नौ अप्रैल को मतदान है। आदर्श चुनाव आचार संहिता 12 अप्रैल को खत्म हो रही है। इसके बाद योगी सरकार गाजियाबाद और मेरठ को लेकर फैसला लेगी। आपको बता दें कि 13 जनवरी 2020 को गौतमबुद्धनगर और लखनऊ को पुलिस कमिश्नरी बनाया गया था। आलोक सिंह गौतमबुद्धनगर के तो वहीं सुजीत पांडेय लखनऊ के पुलिस कमिश्नर बने थे। इसके अगले चरण में वाराणसी और कानपुर में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू की गई और अब तीसरे चरण में मेरठ और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरी लागू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। 12 अप्रैल को चुनाव आचार संहिता हटते ही इसका ऐलान किया जा सकता है। 

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