सार
रैली में भगदड़ और सुरक्षा घेरा टूटने के कारण असुरक्षा के जो हालात बने उससे कोई भी दुर्घटना हो सकती थी। पुलिस ने इसे सीएम की सुरक्षा में लापरवाही मानते हुए आयोजकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जिस तरह रैली में भगदड़ मची उन हालातों में कोई भी दुघर्टना हो सकती थी। पुलिस ने आयोजकों से लापरवाही बरतने पर जवाब मांगा है।
मेरठ: सपा-रालोद गठबंधन (SP-RLD) की रैली में मची भगदड़ पर पुलिस ने सपाईयों से जवाब तलब किया है। 7 दिसंबर को दबथुआ में यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) भी मौजूद थे। रैली में भगदड़ और सुरक्षा घेरा टूटने के कारण असुरक्षा के जो हालात बने उससे कोई भी दुर्घटना हो सकती थी। पुलिस ने इसे सीएम की सुरक्षा में लापरवाही मानते हुए आयोजकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। जिस तरह रैली में भगदड़ मची उन हालातों में कोई भी दुघर्टना हो सकती थी। पुलिस ने आयोजकों से लापरवाही बरतने पर जवाब मांगा है। साथ ही डी-वॉल तोड़ने वालों के नाम मांगे हैं ताकि उन पर एक्शन लिया जा सके। आयोजकों ने 3 दिन में जवाब नहीं दिया तो कानूनी कार्यवाई भी की जाएगी।
भगदड़ में जयंत की बुआ को आई थी चोट
7 दिसंबर को मेरठ के दबथुवा में सपा, रालोद गठबंधन की पहली रैली हुई थी। रैली में पूर्व सीएम अखिलेश यादव और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पहुंचे थे। दोनों नेताओ के मंच पर पहुंचने से पहले ही भीड़ मंच की ओर भागने लगी। भीड़ ने अखिलेश यादव की सुरक्षा के लिए बनाया गया सुरक्षा घेरा और डी वॉल भी तोड़ दी, कुर्सियां भी तोड़ दीं। भीड़ कूदकर मंच की ओर बढ़ने लगी जिससे रैली का पूरा माहौल खराब हो गया। रैली में आईं महिलाओं ने कहा कि उनके साथ गलत व्यवहार किया गया। कई लोगों ने मोबाइल चोरी होने की बात भी कही। वहीं रैली में जयंत चौधरी से मिलने पहुंची रिश्ते की बुआ को भी चोटें आईं और वो घायल हो गईं।
पूर्व सीएम की सुरक्षा में बड़ी लापरवाही
पुलिस ने रैली आयोजक सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह को नोटिस भेजा है जिसमें लिखा है कि पूर्व सीएम की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई। रैली स्थल पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे। पार्किंग ठीक नहीं थी। डी घेरा ठीक नहीं बना था। इसके कारण अनाधिकृत लोग डी घेरे को तोड़कर मंच पर चढ़ने लगे। इससे कोई भी अप्रिय घटना हो सकती थी। रैली के आयोजन में पार्किंग, सुरक्षा, कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था के नियमों को पूरी तरह पालन नहीं किया गया जिसकी वजह से भगदड़ मची।
भाजपा के दबाव में काम कर रही पुलिस
रैली आयोजन की सभी अनुमतियां ली गई थीं। पुलिस, प्रशासन को सूचित भी किया था। कागज पर सारी अनुमतियां पुलिस, प्रशासन के नियमों के अनुसार ली गईं थी। जिसमें साफ लिखा था कि रैली के मुख्य अतिथि पूर्व सीएम अखिलेश यादव होंगे। लेकिन पुलिस, प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था में बहुत ढील बरती। रैली स्थल पर पर्याप्त पुलिसबल नहीं था, न ही समय पर पुलिस पहुंची। पुलिस, प्रशासन की गलती के कारण रैली में माहौल बिगड़ा। रैली के मुख्य अतिथि यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव थे, जिन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली है, इसके बावजूद प्रशासन, पुलिस ने वहां ढिलाई बरती। पुलिस-प्रशासन बीजेपी के दबाव में आकर नोटिस थमा रहा है। सपा, रालोद गठबंधन की रैली में जो भीड़ उमड़ी, रैली सफल हुई भाजपा इससे घबरा गई है। इसलिए नोटिस भेजकर हमें डराने, दबाने का काम किया जा रहा है। सपा नेताओं पर गलत मुकदमे लगाकर हमें डराने की कोशिश की जा रही है।