सार
एक दिन पहले जब उसके घर से तेज दुर्गंध आई तो ग्रामीणों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी। पड़ोसियों की माने तो दुर्गंध इतनी तेज थी कि लोगों का खड़ा होना मुश्किल हो रहा था। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि शरीर पर कीड़े इस कदर थे कि वह दीवारों पर भी रेंगने लगे थे। इस सबसे यह लगता है कि उनकी मौत काफी पहले ही हो चुकी थी।
बाराबंकी (Uttar Pradesh) । दूसरे राज्यों से आए लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। लेकिन, उनकी देखरेख में लापरवाही भी की जा रही है। ताजा मामला सामने आया है मोहम्मदपुर खाला थाना क्षेत्र के बढ़नापुर से। जहां क्वारंटाइन में एक वृद्ध की मौत हो गई। वृद्ध कुछ सप्ताह पूर्व गुजरात से बाराबंकी आया था। प्रशासन ने एहतियात के लिए उसे 22 मार्च को होम क्वारंटाइन किया था। प्रशासन ने बाहर नहीं निकलने और बाहरी व्यक्ति से न मिलने का फरमान सुनाया था। वहीं, ग्रामीणों की माने तो मृत वृद्ध के शव में कीड़े पड़ चुके थे।
ऐसे हुई जानकारी
एक दिन पहले जब उसके घर से तेज दुर्गंध आई तो ग्रामीणों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी। पड़ोसियों की माने तो दुर्गंध इतनी तेज थी कि लोगों का खड़ा होना मुश्किल हो रहा था। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि शरीर पर कीड़े इस कदर थे कि वह दीवारों पर भी रेंगने लगे थे। इस सबसे यह लगता है कि उनकी मौत काफी पहले ही हो चुकी थी।
खाना खुद बनाता था बुजुर्ग
स्थानीय महिला ग्राम प्रधान के पति महेंद्र वर्मा ने बताया कि मृतक अपने पौत्र के साथ गुजरात से गांव आया था, क्योंकि इसके प्रपौत्र का मुण्डन था। यह अपना खाना खुद बनाते थे और एक अप्रैल को उनके यहां से राशन भी लेकर गए थे। दिनांक 4 अप्रैल को बेलहरा के निवासी डॉक्टर बृजेश के यहां से अपनी दवा भी लेकर आए थे। वह दमे के मरीज थे। अब इनकी मृत्यु कब हुई यह बता पाना सम्भव नहीं है।
4 अप्रैल को नोटिस चस्पा करने गई थी आशा बहू
गांव की आशा बहू पर भी लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। लोगों के मुताबिक 22 तारीख को वृद्ध जब क्वारंटाइन किया गया था तब आशा बहू आई थी। इसके बाद वह 4 अप्रैल को घर के दरवाजे पर नोटिस चस्पा करने आई थी। इस दौरान उन्हें किसी अनहोनी की भनक भी नहीं थी।