सार

कांग्रेस महासचिव प्रियंका के साथ अपने पुराने संसदीय क्षेत्र पहुंचे राहुल के स्वागत में जमकर भीड़ उमड़ी। भीड़ देखकर प्रियंका इतनी खुश हुईं कि तालियां बजाने लगीं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि राहुल और प्रियंका ने विधानसभा चुनाव से पहले एकसाथ आकर अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस की खोती जमीन को मजबूत किया है।

लखनऊ: 'भाजपा हटाओ महंगाई भगाओ' पदयात्रा में हिस्सा लेने के लिए राहुल गांधी 2019 में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) की हार के बाद पहली बार अमेठी पहुंचे। कांग्रेस महासचिव प्रियंका (Priyanka Gandhi Wadra) के साथ अपने पुराने संसदीय क्षेत्र पहुंचे राहुल (Rahul Gandhi) के स्वागत में जमकर भीड़ उमड़ी। भीड़ देखकर प्रियंका इतनी खुश हुईं कि तालियां बजाने लगीं। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि राहुल और प्रियंका ने विधानसभा चुनाव से पहले एकसाथ आकर अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस की खोती जमीन को मजबूत किया है।

राहुल का भाषण सुन भावुक हुए लोग
अमेठी के रहने वाले रामशरण तिवारी ने कहा, 'राहुल भइया की वापसी से हम बहुत खुश हैं, वो हमारे घर के बेटे हैं। उनके बिना तो अमेठी सूनी हो गई है।' तिवारी ने कहा, 'जब राहुल भइया ने कहा कि अमेठी मेरा घर है, मुझे यहां से कोई अलग नहीं कर सकता है, तो हम अमेठी वालों को अहसास हुआ कि बेटा दूर जा सकता है, लेकिन भूल नहीं सकता।'

पैदल चल जनता से जुड़ने की कोशिश की
आपको बता दें कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अमेठी में 7 किलोमीटर की पदयात्रा एक घंटे 7 मिनट में पूरी की। इस दौरान वह बिना थके बढ़ते रहे। लोगों के रोकने पर वह 3 जगह रुके। दोनों भाई-बहन को एक साथ देखने के लिए भीड़ जमा होती रही। इस दौरान प्रियंका ने लोगों के साथ सेल्फी भी ली और वहां की महिलाओं से गले मिलीं।

बचपन की यादों संग जुड़ने की कोशिश होगी कामयाब!
अमेठी में राहुल गांधी ने कहा कि हम यहां बचपन में पिता राजीव गांधी के साथ आया करते थे, तब यहां के गांवों में बारिश के दिनों में पानी भर जाया करता था। कैसे हमारे पिता लोगों की मदद करते थे। दूसरी ओर प्रियंका ने कहा कि मैं 17 साल की उम्र में अमेठी आई थी, मैं अमेठी परिवार की बेटी हूं। कोरोनाकाल में अमेठी से दूर रह रहे लोगों ने हमसे मदद मांगी। उनकी तकलीफ आज भी भूल नहीं सकती हूं।

महिलाओं को साधने की कोशिश होगी 'ट्रंप कार्ड'!
अमेठी-रायबरेली की राजनीति को काफी करीब से देखने वाले पत्रकार असगर ने कहते हैं कि यूपी में अपनी खोई जमीन पाने के लिए कांग्रेस के लिए काफी जरूरी था कि वो पहले अपने गढ़ को मजबूत करे। ऐसे में राहुल-प्रियंका के संयुक्त कार्यक्रमों की वजह से 2022 के विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को कोई बड़ी सफलता ना मिले, लेकिन एक बात तो तय है कि कांग्रेस 2024 के लिए यूपी में अपना जनाधार तैयार कर जाएगी। उन्होंने कहा, 'प्रियंका ने यूपी की नस पकड़ते हुए महिलाओं को साधने की कोशिश की है। यह कांग्रेस के लिए ट्रंप कार्ड हो सकता है।'

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