सार
कोरोना मरीजों के टेस्ट के लिए जरूरी रैपिड टेस्ट किट की कमी के कारण ही यहां जांच में तेजी नहीं आ पा रही थी। लेकिन इस इस दौरान चीन से जब रैपिड टेस्ट किट मंगाई गई तो ये लगा कि अब जांच में तेजी आएगी। लेकिन चीन से आई सभी किटों पर सवाल खड़ा हो गया है
लखनऊ(Uttar Pradesh ). देश में इस समय कोरोना संकट चल रहा है। चीन से फैली वैश्विक महामारी कोरोना ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी है। भारत में भी ये बीमारी तेजी से फैलना शुरू हो गई है। कोरोना मरीजों के टेस्ट के लिए जरूरी रैपिड टेस्ट किट की कमी के कारण ही यहां जांच में तेजी नहीं आ पा रही थी। लेकिन इस इस दौरान चीन से जब रैपिड टेस्ट किट मंगाई गई तो ये लगा कि अब जांच में तेजी आएगी। लेकिन चीन से आई सभी किटों पर सवाल खड़ा हो गया है। एक टीवी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में अब इस किट के इस्तेमाल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। यहां हॉटस्पॉट बने क्षेत्रों में इस किट के जरिए जांच की जा रही थी।
मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने बयान दिया था कि राज्य सरकारें अगले दो दिन के लिए चीन से आई रैपिड किट का इस्तेमाल ना करें। इस किट से की जांच रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठने के बाद ICMR ने ये बयान दिया। वहीं उत्तर प्रदेश में भी इस किट की रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिसके बाद यहां भी इस किट के प्रयोग पर रोक लगाने की चर्चा है।
नोएडा में हुई जांच में उठा सवाल
उत्तर प्रदेश के नोएडा में बने हॉटस्पॉट में 100 संदिग्ध लोगों का टेस्ट इस किट के जरिए किया गया था, जिनकी सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिसके बाद इन सभी किटों पर सवाल खड़ा हो गया है। इससे पहले राजस्थान के कोटा से आए छात्रों की भी जांच की गई। उनमें से अधिकतर की रिपोर्ट भी नेगेटिव ही आई है। सिर्फ कोटा से गाजीपुर लौटे एक छात्र की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे में चीन से आई रैपिड किट की सफलता पर सवाल खड़े हो रहे हैं, यही कारण है कि ICMR ने अगले दो दिनों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करने को कहा है।