सार

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने टिकट बेचने समेत कई आरोप पार्टी पर लगाए हैं। इसी के साथ गठबंधन पर भी उन्होंने कई आरोप लगाए हैं। इसी के साथ अपना इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेज दिया है।

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने होली के अगले दिन शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी को भेजे गए पत्र में टिकट बेचने और चुनाव में दलितों और अल्पसंख्यकों की उपेक्षा का आरोप लगाया। इसी के साथ कहा कि गठबंधन जीता हुआ चुनाव अपनी गलतियों की वजह से हार गया। डॉ मसूद अहमद ने कहा कि गठबंधन में शामिल नेताओं की चुनाव में कोई मदद ही नहीं ली गई। उनका कोई भी उपयोग चुनाव में नहीं किया गया।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में सपा गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा था। भले ही चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल की सीटे बढ़ी हों लेकिन गठबंधन बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया। जिसके बाद से लगातार नेताओं की नाराजगी सामने आ रही है। पहले भी सपा गठबंधन में शामिल कई नेताओं की नाराजगी सामने आ चुकी है। जिसके बाद अब राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मसूद अहमद ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले जयंत चौधरी की ओर से कई इकाइयों को भंग कर दिया गया था। 

हार के बाद भंग हुई थी कई इकाई
चुनाव के परिणाम आने के बाद राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख चौधरी जयंत सिंह के सभी प्रदेश, क्षेत्रीय, जिला और फ्रंटल संगठनों को भंग कर दिया था। यह जानकारी पार्टी की ओर से ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से दी गई था। जयंत चौधरी के इस कदम को चुनाव में मिली हार के बाद अहम कदम माना जा रहा है। ज्ञात हो कि रालोद की ओर से प्रदेश में समाजावादी पार्टी के साथ 33 सीटों पर चुनाव लड़ा गया था। इसमें आठ सीटों पर उसे विजय हासिल हुई थी। जबकि बागपत में मात्र छपरौली सीट से ही उसे संतोष करना पड़ा था। भले ही बागपत और बड़ौत सीट पार्टी का गढ़ मानी जाती हो लेकिन यहां से पार्टी को मायूसी ही मिली थी। कहा जा रहा है कि यह प्रत्याशियों के चयन से नाराज कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का भीतरघात है। जिसके बाद संगठन अब ऐसे भीतरघातियों की पहचान कर छंटनी करेगा। 

रालोद के सभी प्रदेश, क्षेत्रीय, जिला और फ्रंटल संगठन भंग करने के बाद जयंत चौधरी ने किया ये सवाल