सार
ईद, परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिए है कि धर्मगुरूओं से बात कर सुनिश्चित किया जाए कि सड़क मार्ग पर यातायात बाधित को कोई भी धार्मिक आयोजन न हो।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को ईद, अक्षय तृतीय और परशुराम जंयती को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हर एक पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हो। इसके लिए स्थानीय जरूरतों के ध्यान में रखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस प्रशासन को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों। धर्मगुरुओं से संवाद बना कर यह सुनिश्चित करें कि सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह सारे निर्देश सोमवार को अफसरों के साथ बैठक में दिए।
राज्य में कुल 1621 केस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-09 की बैठक में इन निर्देशों के अलावा प्रदेश में कोरोना की स्थिति की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ट्रैक, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोविड पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 1621 एक्टिव केस हैं। इसमें 1556 लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।इनके स्वास्थ्य पर सतत नजर रखी जाए।
प्रदेश में अब तक कोविड टीके की 31 करोड़ 50 लाख डोज लगाई जा चुकी है। जबकि 11 करोड़ 15 लाख से अधिक कोविड टेस्ट भी किए जा चुके हैं। 18 से अधिक आयु की पूरी आबादी को टीके की कम से कम एक डोज लग चुकी है, जबकि 88.72 प्रतिशत वयस्क लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 15 से 17 आयु वर्ग में 95.3 प्रतिशत से अधिक किशोरों को पहली खुराक मिल चुकी है और 67 प्रतिशत से किशोरों को दोनों डोज लग चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग में 63 प्रतिशत से अधिक बच्चे टीकाकवर पा चुके हैं, इन्हें दूसरे डोज लगाया जाना भी शुरू हो चुका है। बच्चों के टीकाकरण और वयस्कों के बूस्टर डोज लगाए जाने को और तेज किए जाने की जरूरत है।
गो मॉडल को करें स्थापित
योगी आदित्यनाथ ने सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारु रखी जाए। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। इन दिनों गेहूं की कटाई चल रही है। ऐसे में पशु चारे के लिए भूसे की खरीद का यह सही समय है। गोवंश को गर्मी अथवा धूप से सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाएं। विकासखंड स्तर पर 2000-2500 गोवंश क्षमता वाले एक-एक मॉडल गो आश्रय स्थल स्थापित करने का प्रयास हो।
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