सार
गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र की एसडीएम शुभांगी शुक्ला मृतक छात्र अनुराग के परिजनों से लड़ पड़ीं। उन्होंने दुखी परिजनों को सांत्वना देने की जगह हड़काते हुए कहा, चुप रहिए, बस बहुत हो गया।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में बीते बुधवार को सड़क हादसे में एक छात्र की दुखद मौत हो गई। अनुराग भारद्वाज नाम के मृतक छात्र के परिजनों ने आरोप लगाया कि बेटे की मौत के लिए स्कूल प्रिंसिपल जिम्मेदार हैं। उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए। गिरफ्तारी नहीं हुई तो अगले दिन उन्होंने गाजियाबाद-मेरठ राजमार्ग पर जाम लगा दिया।
इस दौरान उन्हें समझाने और मामला शांत कराने के लिए भेजी गईं एसडीएम शुभांगी शुक्ला ने दुखी परिजनों को खूब धमकाया। शुभांगी मोदीनगर तहसील क्षेत्र की एसडीएम हैं। बताया जा रहा है कि परिजनों और शुभांगी इस मामले में तीखी नोकझोंक भी हुई। धरने पर बैठीं अनुराग की मां नेहा भारद्वाज एसडीएम शुभांगी शुक्ला से कह रही हैं, तरीका आपने बिगाड़ा है मैम। आपसे हाथ जोड़कर कह रहे हैं कि तीनों को अरेस्ट करो। इस पर गुस्से में शुभांगी ने कहा, कोई चीज समझती नहीं हो। इस पर नेता भारद्वाज ने कहा, क्या समझें, आप ही समझाओ मैम समझाओ।
तीन बार दोहराया एसडीएम ने चुप रहिए.. बहुत हुआ
नेहा भारद्वाज का कहना था कि उनके बेटे की मौत लापरवाही की वजह से हुई है। इसके लिए स्कूल के प्रिंसिपल, ड्राइवर और कंडक्टर को अरेस्ट किया जाना चाहिए। यह सुनकर एसडीएम नाराज हो गईं। उन्होंने गुस्से में तेज आवाज में कहा, चुप रहिए बस। बहुत हो गया। इतनी देर से समझा रही हूं। एसडीएम शुभांगी शुक्ला ने यह बात तीन बार दोहराई। हालांकि, बाद में जब एसडीएम से इस बारे में पूछा गया कि वह खुद इतनी आक्रोशित क्यों थीं, तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
लोहे के गेट से टकरा गया बच्चे का सिर
दरअसल, गाजियाबाद जिले में मोदीनगर तहसील की सूरत सिटी कॉलोनी में नितिन भारद्वाज का परिवार रहता था। उनका दस साल का बेटा अनुराग दयावती मोदी पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। बुधवार को स्कूल बस जब वह घर आ रहा था, तभी उसे उल्टी महसूस हुई। खिड़की से सिर बाहर निकालकर वह उल्टी कर रहा था। इस दौरान ड्राइवर बस चलाता रहा। तभी कॉलोनी के एक गेट से उसका सिर टकरा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस मामले में ड्राइवर और कंडक्टर को तो गिरफ्तार लिया, मगर परिजनों की मांग थी कि प्रिंसिपल को भी गिरफ्तार किया जाए।
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बस बहुत हुआ, इससे ज्यादा ड्यूटी नहीं कर सकता, यह कह कर ड्राइवर बीच रास्ते ट्रेन से उतर गया