सार
बस्ती के स्वास्थय विभाग में ईपीएफ खाते में लाखों रुपए के घोटाले की आशंका को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। ईपीएफ में कटौती पिछले आठ महीनों से होती रही। लेकिन कटौती का भाग कर्मचारियों के खाते में शो नहीं हो रहा है। कर्मचारियों को आशंका है कि उनके जमा कराए गए धन को किसी अन्य खाते में जमा कर घोटाले का प्रयास किया जा रहा है।
बस्ती: उत्तर प्रदेश के जिले बस्ती के स्वास्थय विभाग में ईपीएफ खाते में लाखों रुपए के घोटाले की आशंका को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। ईपीएफ में कटौती पिछले आठ महीनों से होती रही। लेकिन कटौती का भाग कर्मचारियों के खाते में शो नहीं हो रहा है। कर्मचारियों को आशंका है कि उनके जमा कराए गए धन को किसी अन्य खाते में जमा कर घोटाले का प्रयास किया जा रहा है। इसी मामले में अब सपा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।
भाजपा के भ्रष्टाचार को करता है उजागर
विधानसभा चुनाव तो खत्म हो चुके है लेकिन पार्टियों का एक दूसरे पर किसी न किसी बहाने से हमला करने से पीछे नहीं हटती है। बस्ती के स्वास्थ्य विभाग में हो रहे ईपीएफ की कटौती पर समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। सपा के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट में लिखा गया है कि बस्ती में स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मियों के ईपीएफ के लाखों रूपए गायब होने का मामला स्तब्ध करता है। आरटीआई से हिसाब मांगने पर सामने आया सच भाजपा सरकार में कर्मियों के भविष्य से खिलवाड़ और भ्रष्टाचार को उजागर करता है। दोषियों पर हो कार्रवाई, वापस दिलाया जाए ईपीएफ का पैसा।
नॉमिनेशन प्रक्रिया से हुई है शुरू
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम के तहत कार्यरत लगभग 300 कर्मचारियों के वेतन से हर माह ईपीएफ अंश की कटौती होती है। हर माह लगभग 12 लाख रुपए की कटौती विभाग द्वारा की जाती है। सरकारी अंश के साथ यह कटौती की राशि कर्मचारी के पीएफ फंड में जमा कराने की जिम्मेदारी डीपीएम एनएचएम, डैम व वित्त एवं लेखाधिकारी की है। पिछले जुलाई माह से कर्मचारियों के वेतन से कटौती तो की जा रही है, लेकिन उनके खाते में कटौती का अंश नहीं जमा हो रहा है। विभागीय लोगों का कहना है कि समस्या पीएफ खाते में नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू होने के कारण हुई है।