सार

यूपी के सुल्तानपुर में एक भतीजे ने मुआवजे के 27 लाख हड़पने ने लिए अपने ही चाचा को मृत साबित कर दिया। इस साजिश के खिलाफ पीड़ित दर-दर भटकने के लिए मजबूर है और खुद को जिंदा साबित करने के प्रयास में जुटा है। 

सुल्तानपुर: हलियापुर स्थित गौहनिया निवासी रामप्रसाद यादव (74) यूं तो जिंदा हैं पत्नी का 5 माह पहले निधन हुआ है और एक बेटी है जो पति के साथ उनकी सेवा कर रही, लेकिन राजस्व कर्मियों ने करीब 17 माह पहले उसे मृत दिखा दिया। ग्राम प्रधान ने उसके जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया तो बल्दीराय सर्किल के CO ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवा डाला। जबकि इस साजिश के पीछे राम प्रसाद का खुद का भतीजा ही मुख्य दोषी है, जिसके विरुद्ध शिकायत के बावजूद पुलिस ने केस नहीं दर्ज किया।

जमीन का है पूरा मामला 
बल्दीराय तहसील के गौहनिया मजरे हलियापुर निवासी रामप्रसाद चार भाई हैं। उनके अलावा रामखेलावन, राम खदेरू व शिवपल्टन पुत्रगण रामजियावन यादव की मौत हो चुकी है। राम प्रसाद के दामाद वीरेंद्र यादव ने बताया कि अयोध्या-रायबरेली सड़क चौड़ीकरण में राम प्रसाद की लगभग 44 एयर जमीन गई है, इसका उन्हें लगभग 27 लाख मुआवजा मिलना था। इस पैसे राम प्रसाद के भतीजा देवानंद की निगाह गड़ी थी। आरोपी ने राजस्व कर्मियों से सेटिंग कर चाचा रामप्रसाद को मृत दिखाकर 27 फरवरी 2021 को खाता संख्या 850व 1243 की 200एयर जमीन अपने नाम करवा ली। 8 मार्च 2021 को इसका अंकन खतौनी पर हो गया। देवानंद जब भुगतान के लिए दौड़ने लगा तो इस मामले की पोल खुली।

सरकारी योजनाओं का मिल रहा लाभ 
पीड़ित रामप्रसाद ने 28 जून 2021 को SDM बल्दीराय से गुहार लगाई तहसीलदार द्वारा उस आदेश को स्थगित कर दिया गया। तब से एक साल से जिला मुख्यालय से लेकर तहसील तक रामप्रसाद चक्कर लगाते थक गया पर आज तक वह अपने को जिंदा नहीं साबित कर सका है। जबकि वृद्धा पेंशन, बिजली का बिल, राशन कॉर्ड, परिवार रजिस्टर आदि में राम प्रसाद का आज तक नाम दर्ज है। उसे योजनाओं का लाभ मिल रहा है। 

पिछड़ा आयोग पहुंचा जालसाज 
खुद को फंसता देख जालसाज देवानंद पिछड़ा आयोग उत्तर प्रदेश पहुंचा। वहां से SP सुल्तानपुर को जांचकर न्यायोचित कार्रवाई के आदेश हुए। पुलिस अधीक्षक ने CO बल्दीराय को जांच दी, जिस पर बिना पड़ताल किए आरोपियों से मिलकर उन्होंने 22 जुलाई को शिवप्रसाद, उमेश चंद्र तिवारी, व ग्राम प्रधान हलियापुर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा दिया। वहीं SDM बल्दीराय वंदना पांडे ने फोन पर बताया की मामला विचाराधीन है। जल्द ही इसमें कार्रवाई की जाएगी।

कानपुर: सिंघम बनने के चक्कर में पुलिस कमिश्नर के पीआरओ से हुई बड़ी चूक, गिरी गाज