सार
राममंदिर की आधार शिला रखने के दो वर्ष पूरे हो गए। आज की तारीख यानी 5 अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने रामजन्मभूमि परिसर में विशेष पूजन कर मंदिर निर्माण की आधारशिला काम का श्रीगणेश किया था। दो वर्षों में मंदिर की प्लिंथ यानी फर्श का काम लगभग 90 %पूरा हो गया है। 15 अगस्त के बाद से सुपरस्ट्रक्चर यानी गर्भगृह के निर्माण का काम तेजी से शुरू हो जाएगा।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: राममंदिर की आधार शिला रखने के दो वर्ष पूरे हो गए। आज की तारीख यानी 5 अगस्त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने रामजन्मभूमि परिसर में विशेष पूजन कर मंदिर निर्माण की आधारशिला काम का श्रीगणेश किया था। इसी के बाद मंदिर निर्माण का कार्य दिन-रात शुरू हो गया है। देश के जाने- माने टॉप इंजीनियर निर्माण कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंदिर की प्लिंथ यानी फर्श का काम लगभग 90 %पूरा हो गया है। 15 अगस्त तक फर्श का काम पूरा होने का अनुमान है। इसके बाद सुपरस्ट्रक्चर यानी गर्भगृह के निर्माण का काम तेजी से शुरू हो जाएगा। ट्रस्ट का मानना है 2023 के अंत तक रामलला को भब्य गर्भगृह में प्राणप्रतिष्ठित कर विराजमान करा दिए जाएंगे।
इस तरह बन रहा है राममंदिर
वीएचपी मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक राममंदिर 3 तल का होगा। मंदिर की लंबाई 360 फीट और चौड़ाई 235 फीट के साथ ऊंचाई 161 फीट की होगी। मंदिर 366 स्तंभों पर खड़ा होगा। उन्होंने बताया भूतल पर 160 प्रथम पर 132 और दूसरे तल पर 74 स्तंभ लगेंगे। मंदिर निर्माण का कार्य 15 जनवरी 2021 को तेज गति से प्रारंभ हो गया था। लगभग 50 फीट चट्टान नुमा नींव पर फर्श का निर्माण अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया मंदिर में प्रवेश द्वार की दाहिनी तरफ गणेश जी और बाई तरफ हनुमान जी का मंदिर बनना है।
मंदिर निर्माण के रामभक्तों ने दिया 5000 करोड़ से अधिक की सहयोग राशि
राम मंदिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 14 जनवरी से 27 फरवरी 2021 तक निधि समर्पण अभियान चलाया था। जिसमे ट्रस्ट को 42 दिनों में ही उम्मीद से कई गुना राशि मंदिर निर्माण में सहयोग के तौर पर मिली।ट्रस्ट ने बताया इस 5000 करोड़ की राशि अब तक भक्तों ने सहयोग के तौर पर दी है। नगद के साथ लोगों ने सोना और चांदी भी मंदिर में लगाने को दिया है। 70 एकड़ राम जन्मभूमि परिसर में राम मंदिर के साथ श्रद्धालुओं को हरियाली भी दिखाई पड़ेगी किसके लिए रामायण कालीन वृक्षों को लगाए जाने की योजना है ।साथ ही यात्री सुविधाओं के भी इंतजाम होंगे।
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