सार

उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल करने वाली अदिति सिंह इस बार बीजेपी से चुनावी मैदान में हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो अदिति सिंह इस सीट पर भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगी। रायबरेली सदर विधानसभा सीट के लिए यूपी चुनाव के चौथे चरण में 23 फरवरी को मतदान होना है।

दिव्या गौरव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) के बीच रायबरेली सदर विधानसभा सीट (Rae Bareli Sadar Assembly Seat) पर भारतीय जनता पार्टी ( Bharatiya Janata Party) की जीत होती दिखाई दे रही है। स्थानीय लोगों की मानें तो कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं अदिति सिंह (Aditi Singh) इस सीट पर भारी बहुमत से जीत दर्ज करेंगी। अदिति की जीत की एक वजह यह भी है अन्य पार्टियों के जो प्रत्याशी हैं उनके अन्दर कोई करिश्माई व्यक्तित्व नहीं है। अदिति को अपने पिता की छवि का पूरा फायदा मिलेगा। अदिति को अपने पिता अखिलेश सिंह के काम का पूरा फायदा मिलता दिख भी रहा है।


रायबरेली सदर सीट पर रहा है ठाकुर बिरादरी का बोलबाला
रायबरेली की महिलाओं का कहना है कि कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल कर आने वाली अदिति जब 5 साल विधायक रहीं तो वो लोगों से जुड़ी रहीं और इसलिए महिलाओं का भी साथ उनको मिलता दिख रहा है। वैसे तो रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता है, लेकिन इस गढ़ में  बीते 40 सालों से लगभग हर बार विधानसभा चुनावों में 50% से ज्यादा सीटों पर ठाकुर बिरादरी का प्रत्याशी ही विधानसभा पहुंचता रहा है। यही नहीं चाहे 2007 का विधानसभा चुनाव हो या फिर 2012 या 2017 का यहां एक ही बिरादरी का नाम सबसे ज्यादा आता है और वह बिरादरी है क्षत्रिय। विधानसभा के बाद लोकसभा की बात करें तो आजादी के 75 सालों में अबतक महज 3 सांसद गैरकांग्रेसी बने, जिनमें से दो बार ठाकुर बिरादरी से अशोक सिंह ने जीत दर्ज की थी। रायबरेली विधानसभा क्षेत्र में तीन लाख से अधिक मतदाता हैं। रायबरेली विधानसभा सीट की गिनती राजपूत बाहुल्य सीटों में होती है। ब्राह्मण के साथ ही अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी रायबरेली विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में दलित और मुस्लिम मतदाता भी अच्छी तादाद में हैं। 

अदिति को मिलेगा रायबरेली के लोगों का साथ !
रायबरेली के वरिष्ठ पत्रकार योगेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि रायबरेली सदर विधानसभा सीट पर एकतरफा अदिति सिंह की ही जीत दिख रही है, क्योंकि उनके साथ पार्टी का कार्डर नहीं बल्कि उनका निजी वोट बैंक है जो उनके पिता के समय से उनके साथ रहा है। उनके पिता का जो वर्चस्व रायबरेली सदर विधानसभा सीट पर रहा है उसका लाभ उन्हें मिलेगा और उनकी सीट के निकलने से भाजपा को सीधा लाभ होगा। रायबरेली सदर की सीट पर जो कांग्रेस या अन्य पार्टियों के प्रत्याशी हैं उनके अन्दर कोई करिश्मा नहीं है। कांग्रेस के प्रत्याशी तो दूसरी पार्टी से आए हुए हैं वह दल बदलू प्रत्याशी हैं, तो इसलिए लोग उनके ऊपर भरोसा करते नहीं दिख रहे हैं। अदिति का दावा है कि हमने अपने क्षेत्र में विकास किया है और विकास के नाम पर ही हमें वोट मिलेगा। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अदिति का परिवार दुख सुख के समय में उनके साथ खड़ा रहा है इसलिए हम अदिति के साथ जाएंगे।

सूबे में कांग्रेस बचा पाएगी अपना मजबूत गढ़?
त्रिपाठी ने कहा कि कांग्रेस की सबसे बड़ी चिंता गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में अपने वर्चस्व को बचाए रखने की भी है। जिले में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं के पाला बदल लेने और कुछ के चुनाव में उतरने से कदम खींच लेने के बाद दलबदलू नेताओं के दम पर गांधी परिवार अपना दुर्ग बचाने की कवायद में है। कांग्रेस अपने सबसे मजबूत गढ़ को बचाने के लिए फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की भी सियासी कर्म भूमि रायबरेली रही है। यहां 2004 में हुए आम चुनाव से लेकर अब तक 18 साल से सीधे गांधी परिवार का कब्जा रहा है। 2019 में मोदी लहर में अमेठी तो कांग्रेस के हाथ से निकल गई पर रायबरेली ही प्रदेश की एक मात्र ऐसी सीट रही है जहां कांग्रेस को जनता का साथ मिला था। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी रायबरेली की छह सीटों में दो सीटों पर कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार जीते थे। वहीं, अब 2022 के विधानसभा चुनाव के दंगल में भी कांग्रेस सूबे में अपने सबसे मजबूत गढ़ रायबरेली को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है।

UP Election Info: उत्‍तर प्रदेश व‍िधानसभा चुनाव 2022 में 403 व‍िधानसभा सीट के ल‍िए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। 

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