सार
उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा के कटनी गदनपुर आहार गांव और मोहान के मल्झा गांव में साढ़े सात घंटे बाद वोटिंग शुरु हुई। यहां ग्रामीणों ने गंगा कटान और खस्ताहाल सड़कों के कारण मतदान बहिष्कार किया था। उनका आरोप था कि शिकायत के बावजूद अनदेखी की जा रही। हालांकि अधिकारियों के मनाने पर वह मतदान के लिए तैयार हुए।
उन्नाव: बांगरमऊ विधानसभा के कटनी गदनपुर आहार गांव अंतर्गत तकरीबन साढ़े सात घंटे बाद वोटिंग शुरु हुई। यहां गंगा कटान और खस्ताहाल सड़कों के कारण ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया था। स्थानीय लोगों का आरोप था कि लगातार शिकायत के बाद भी जनप्रतिनिधियों द्वारा अनदेखी की जा रही थी। जिसके चलते उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया था। इसी के साथ मोहान विधानसभा के मल्झा गांव में 7 घंटे 30 मिनट बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू सकी। सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक ग्रामीणों ने गांव में सड़क न होने के कारण मतदान का बहिष्कार किया। साढ़े 7 घंटे बाद पहुंचे जिलाधिकारी ने लोगों को काफी देर समझाया लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार न हुए। जिसके बाद ग्राम पर प्रधान ने जिलाधिकारी के तरफ से 10 मार्च के बाद सड़क निर्माण न होने की स्थिति में इस्तीफा देने की बात कही उसके बाद ग्रामीण माने। हालाकिं साढ़े 7 घंटे बाद मतदान प्रक्रिया शुरू होने से जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
स्थानीय लोगों की नाराजगी और मतदान बहिष्कार की सूचना के बाद अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों द्वारा लोगों को समझाए जाने के बाद तकरीबन साढ़े सात घंटे की देरी से मतदान शुरु हुआ। आपको बता दें कि उन्नाव में मोहान और सफीपुर से भी लोगों की नाराजगी सामने आई थी। सफीपुर विधासभा क्षेत्र के गांव पैगम्बरपुर में बूथ संख्या 355 पर मतदान बहिष्कार का मामला सामने आया था। यह ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार किया। ग्रामीणों की यह नाराजगी विकास कार्य न होने की वजह से सामने आई है। उनका कहना है कि नेताओं की ओर से कसमे खाई गई थीं, हालांकि उसके बावजूद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। वहीं ग्रामीणों की नाराजगी और मतदान बहिष्कार की जानकारी मिलने के बाद भी अभी तक कोई अधिकारी वहां नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई, शादी, विवाद और मरीजों को ले जाने में मुख्य मार्ग का खस्ताहाल बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहा है।
मल्झा बूथ पर भी दिखा था सन्नाटा
मोहान विधानसभा के मल्झा बूथ पर भी सन्नाटा पसरा देखा गया। यहां टोटल 960 मतदाता है जिसमे से पुरूष मतदाता 560 महिला मतदाता की संख्या 453 है। सुबह 10.30 बजे तक यहां एक भी मतदान नहीं हुआ है। मतदान न होने के पीछे का कारण ग्रामीणों की नाराजगी है। ग्रामीणों को समझाने के लिए तहसीलदार कृष्ण, इंस्पेक्टर राजेश पाठक, चौकी इंचार्ज जितेंद्र यादव मौके पहुंचे लेकिन ग्रामीणों ने वोट डालने से मना कर दिया है।
UP Election Info: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में 403 विधानसभा सीट के लिए पहले चरण का मतदान 10 फरवरी, दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, पांचवां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। कुल 7 चरणों में होगा यूपी में चुनाव। मतगणना 10 मार्च को होगी।