सार

पिछले चुनावों में भाजपा की सफलता के पीछे बूथ मैनेजमेंट रहा था। पार्टी ने इस बार भी उसी रणनीति पर काम कर रही है। प्रदेशभर में अब तक 50 लाख पन्ना प्रमुख बनाए हैं। इसके अलावा जल्द ही एक लाख 63 हजार बूथों पर बूथ प्रमुखों को भी तैनात किया जाएगा। वाराणसी में पदाधिकारियों के साथ बैठक में भी अमित शाह का जोर बूथ मैनेजमेंट की रणनीति बनाने पर खास तौर पर है।

वाराणसी : यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) को नजदीक आते देख भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपनी रणनीतियों को धार देने में जुट गई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit shah) एक बार भी उत्तर-प्रदेश (uttar pradesh) के दौरे पर हैं। अवध के बाद इस बार वे पूर्वांचल की सियासी नब्ज टटोलने पहुंचे हैं। जहां दो दिनों तक वे पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी मंथन करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि शाह का यह दौरा सूबे में एक बड़ी सियासी लकीर खींचने जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी एक बार फिर शाह पर भरोसा जता रही है। उन्हीं के नेतृत्व में पूरी चुनावी रणनीति बनाई जा रही है और इसी के साथ भाजपा 2022 में चुनावी मैदान में जाएगी। 

काशी में मंथन
अमित शाह शाम करीब साढ़े चार बजे बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath), भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) ने स्वागत किया। एयरपोर्ट से शाह सीधे लंका पहुंचे, जहां उन्होंने महामना मदन मोहन मालवीय (Madan Mohan Malaviya) की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और श्रद्धांजलि दी। अमित शाह ने मालवीय प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करने के बाद जनता का अभिवादन स्वीकार किया। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं और जनता ने हर-हर महादेव के उद्घोष कर उनका स्वागत किया। गृहमंत्री के साथ सीएम योगी और धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने पुष्प अर्पित किए।

विधानसभा पदाधिकारियों से चर्चा
इसके बाद अमित शाह बड़ालालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटेशन सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने 403 विधानसभा प्रभारियों के साथ आगामी चुनाव पर परिचर्चा भी की। विधानसभा प्रभारी बैठक में आगामी चुनाव की पार्टी स्‍तर पर रूपरेखा भी तय करने पर चर्चा हुई। पहले सत्र में केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने इस सत्र की अध्यक्षता की। दूसरे सत्र की अध्यक्षता अमित शाह करेंगे। इसमें 6 सौ से ज्यादा पदाधिकारी शामिल हुए। यहां अलग-अलग चरणों में पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ने चर्चा किया।

काशी को बनाया केंद्र
कहा जा रहा है कि प्रदेश भर में भाजपा की जीत पक्‍की करने के लिए वाराणसी (varanasi) को ही केंद्र में रखा जा रहा है। वाराणसी का विकास और पीएम नरेंद्र मोदी (narendra modi) की काशी (kashi) की भव्‍यता को देखने और लोगों को दिखाने के साथ ही पीएम के कामकाज और उनके विजन को प्रदेश भर में प्रचारित करने का मौका भी इस आयोजन के जरिए मिल रहा है। बता दें कि इस बार के चुनाव में भाजपा 300+ का लक्ष्य लेकर चल रही है।

इस बार भी बूथ मैनेजमेंट पर फोकस
पिछले चुनावों में भाजपा की सफलता के पीछे बूथ मैनेजमेंट रहा था। इसीलिए पार्टी ने इस बार भी उसी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी ने पूरे प्रदेश में अब तक 50 लाख पन्ना प्रमुख बनाए हैं। इसके अलावा जल्द ही एक लाख 63 हजार बूथों पर बूथ प्रमुखों को भी तैनात किया जाएगा। वाराणसी में पदाधिकारियों के साथ बैठक में भी अमित शाह का जोर बूथ मैनेजमेंट की रणनीति बनाने पर खास तौर पर है।

यूपी ने शाह के फॉर्मूले से खिला था कमल
साल 2013 में 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए अमित शाह को ही यूपी का पहली बार प्रभार मिला था। उसके बाद 2014 और 2017 के चुनावों में जो हुआ, उसकी उम्मीद, भाजपा को भी नहीं थी। पार्टी ने 2014 में जहां 80 में से 71 सीटें मिली वहीं 2017 के विधानसभा चुनावों में 403 में से 312 सीटें जीत ली। इसी सफलता को दोहराने के लिए, भाजपा ने एक बार फिर अमित शाह पर भरोसा जताया है। उन्हीं के नेतृत्व पर पूरी चुनावी रणनीति बनाई जा रही है। इस कारण से भी शाह का दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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