सार
यूपी में आल्हा-ऊदल की जमी महोबा (Mahoba) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के लिए सियासी दंगल में विपक्ष को चुनौती पेश कर दी है। मोदी ने करीब 20 मिनट भाषण दिया और बुंदेलखंड (Bundelkhand) की लगभग सभी समस्याएं उठाकर लोगों के करीब पहुंच गए। मोदी ने यहां पानी, पलायन और रोजगार पर सरकार के प्रयास और विजन बताकर लोगों की उम्मीदों को पंख लगाए तो विपक्ष की नाकामी गिनाने के लिए दशकों को सफर भी याद दिलाया।
महोबा। यूपी में आल्हा-ऊदल की जमी महोबा (Mahoba) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के लिए सियासी दंगल में विपक्ष को चुनौती पेश कर दी है। मोदी ने करीब 20 मिनट भाषण दिया और बुंदेलखंड (Bundelkhand) की लगभग सभी समस्याएं उठाकर लोगों के करीब पहुंच गए। मोदी ने यहां पानी, पलायन और रोजगार पर सरकार के प्रयास और विजन बताकर लोगों की उम्मीदों को पंख लगाए तो विपक्ष की नाकामी गिनाने के लिए दशकों को सफर भी याद दिलाया। मोदी ने अपने भाषण में किसी पार्टी या नेता का नाम तो नहीं लिया, मगर उनके निशाने पर ज्यादातर सपा और अखिलेश यादव ही रहे। उन्होंने यहां तक कहा कि पिछली सरकारों ने बुंदेलखंड को सिर्फ लूट का अड्डा बनाया। यहां के लोगों को अंधेरे में रखकर सिर्फ घोषणाएं की जाती थीं। मोदी ने संबोधन की शुरुआत में कहा- जवन महोबा की धरा में, आल्हा-उदल और वीर चंदेलों की वीरता कण-कण में समाई है। वा महोबा के वासियन को हमाओ कोटि-कोटि प्रणाम पहुंचे।
जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा बुंदेलखंड के लिए...
पलायन
- हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और यूपी डिफेंस कॉरिडोर भी इसका एक बहुत बड़ा प्रमाण है।
- बीते 7 वर्षों में हम कैसे सरकार को बंद कमरों से निकाल कर देश के कोने-कोने तक लाए हैं। महोबा, इसका साक्षात गवाह है।
- ये धरती ऐसी योजनाओं, ऐसे फैसलों की साक्षी रही है जिन्होंने देश की गरीब, माताओं-बहनों के जीवन में बड़े बदलाव किए हैं।
- केन-बेतवा का समाधान और रास्ता निकालने से अब यहां लाखों किसानों को लाभ होने वाला है। खेतों में अच्छी फसलें होंगी। लोग संपन्न होंगे।
- आज गुजरात में कच्छ रेगिस्तान तक पानी पहुंचता है। जैसी सफलता हमने गुजरात पाई है, वैसे ही सफलता हम बुंदेलखंड में पाने की कोशिश कर रहे हैं। बुंदेलखंड की तरह कच्छ में भी पलायन होता है।
- हम बुंदेलखंड को पलायन से रोकने और रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यहां अब सैकड़ों उद्योग लगेंगे। युवाओं को रोजगार मिलेगा।
पानी
- कर्मयोगियों की सरकार ने सिर्फ दो साल के भीतर ही 30 लाख परिवारों को नल से जल दिया है। पिछली सरकारों ने अपने परिवार के लिए तो सब कुछ किया, लेकिन बुंदेलखंड को बूंद-बूंद के लिए तरसा दिया।
- पहले की सरकार चलाने वालों ने ताल-तलैया के नाम पर फीते तो बहुत काटे, लेकिन ये नहीं बताया कि बिना भू-जल संरक्षण के नलों में ताल-तलैयों में पानी कैसे आएगा।
- आज अर्जुन सहायक परियोजना, रतौली बांध परियोजना, भावनी बांध परियोजना और मझगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना का लोकार्पण करने का मुझे सौभाग्य मिला है।
- गुरु नानक देव ने कहा है कि पानी को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि पानी से सारी सृष्टि को जीवन मिलता है।
- तीन हजार करोड़ से अधिक की लागत से बनी इस सिंचाई परियोजना से बुंदेलखंड के लाखों परिवारों को लाभ होगा। चार लाख से अधिक लोगों को पीने का शुद्ध पानी भी मिलेगा। पीढ़ियों से जिस पानी का इंतजार था, वह इंतजार आज खत्म होने जा रहा है।
विजन/ रोजगार
- गुजरात के कच्छ की हालत भी बुंदेलखंड जैसी ही थी। लोग वहां से पलायन कर रहे थे। लेकिन मुझे सेवा का अवसर मिला तो आज कच्छ देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले जिलों में एक है। मुझे भरोसा है कि बुंदेलखंड भी वैसा विकास अपना सकता है।
- केन-बेतवा लिंक का समाधान भी हमारी ही सरकार ने निकाला है। सभी पक्षों से संवाद करके रास्ता निकाला है।
- पहली बार बुंदेलखंड के लोग यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार देख रहे हैं।
- कुछ साल पहले ही मैंने देश की करोड़ों मुस्लिम बहनों से वादा किया था कि मैं तीन तलाक से उन्हें मुक्ति दिला कर ही रहूंगा। वह वादा भी मैंने बुंदेलखंड की धरती से किया था। वह वादा पूरा भी हो गया।
- पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं।
- कुछ वक्त पहले यहीं से उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की थी।
- बेटियों के लिए स्कूल में अलग से टॉयलेट बनवाए हैं। बुंदेलखंड का विकास रुकने वाला नहीं हैं। परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती हैं। वे घोषणाएं करते थे और अंधेरे में रखते थे। परिवारवादियों ने छोटे किसानों और पशु पालकों ने किसान क्रेडिट कार्ड से भी वंचित रखा था। हमारी सरकार ने इन सबको जोड़ने का काम किया है।
- बुंदेखलंड को हम फिर से नई ताकत और जिंदगी दे सकते हैं। यहां की माता-बहनों को जल जीवन मिशन में तेजी से काम हो रहा है। हर घर पानी योजना का विशेष काम चल रहा है।
- चित्रकूट में रामायण सर्किट के तहत अनेक तीर्थों को विकसित किया जा रहा है।
- महोबा की ये धरती ऐसी योजनाओं, ऐसे फैसलों की साक्षी रही है, जिन्होंने देश की गरीब माताओं-बहनों-बेटियों के जीवन में बड़े और सार्थक बदलाव किए हैं।
- महोबा वीरों की भूमि है और महोबा की शान पेशावरी पान इससे कौन आकर्षित नहीं होगा।
- मोदी ने महोबा में अर्जुनसागर बांध का लोकार्पण किया। कर्मयोगियों की सरकार ने नल से जल दिया है। पहले की सरकारों ने परिवारों का भला किया। किसानों को अभाव में रखा।
विपक्ष यानी अखिलेश पर ऐसे निशाना
- परिवारवादियों की सरकारें किसानों को सिर्फ अभाव में रखना चाहती थीं। किसानों के नाम से घोषणाएं करते थे, लेकिन किसान तक पाई भी नहीं पहुंचती थी। जबकि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में भेजे हैं।
- परिवारवादियों की सरकारें सिर्फ किसानों को धोखे में रखना चाहती थीं। परिवारवादियों ने तो किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से भी वंचित रखा था, लेकिन हमारी सरकार ने छोटे से छोटे किसान को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी है।
- परिवारवादियों की सरकारों ने दशकों तक यूपी के अधिकतर गांवों को प्यासा रखा। इस कटु सत्य को कोई भी भुला नहीं सकता कि वो प्रदेश को लूटकर कभी नहीं थकते थे और हम काम करते-करते कभी नहीं थकते। वो समस्याओं की राजनीति करते हैं और हम समस्या के समाधान के रास्ते निकालते हैं।
- दशकों तक बुंदेलखंड के लोगों ने लूटने वाली सरकारें देखी हैं। पहली बार बुंदेलखंड के लोग यहां के विकास के लिए काम करने वाली सरकार देख रहे हैं।
- जब माफियाओं पर बुल्डोजर चल रहा है तो कुछ लोग हाय-तौबा मचा रहे हैं। लेकिन ये लोग कितना भी हाय-तौबा मचा लें, यूपी और बुंदेलखंड के काम रुकने वाले नहीं है। इन लोगों ने बुंदेलखंड के साथ जैसा बर्ताव किया उसे लोग कभी भूल नहीं सकते।
- यही चित्रकूट, यही बुंदेलखंड है जिसने प्रभु श्रीराम का साथ दिया, लेकिन समय के साथ यह क्षेत्र पानी की चुनौतियां और पलायन का केंद्र कैसे बन गया। क्यों इस क्षेत्र में लोग अपनी बेटी को ब्याहने से कतराने लगे। यह बात यहां के लोग अच्छी तरह से जानते हैं।
- दिल्ली और उत्तर प्रदेश में लंबे समय तक शासन करने वालों ने बारी-बारी से बुंदेलखंड को उजाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
- यहां के जंगलों, संसाधनों को कैसे माफिया के हवाले किया गया, ये किसी से छिपा नहीं है।
महापुरुषों को नमन किया
- गुलामी के उस दौर में भारत में नई चेतना जगाने वाले गुरुनानक देव जी का आज प्रकाश पर्व भी है।
- मैं देश और दुनिया के लोगों को गुरु पूरब की भी शुभकामनाएं देता हूं।
- आज ही भारत की वीर बेटी, बुंदेलखंड की शान, वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती भी है।
- इस समय देश, देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में जनजातीय साथियों के योगदान को समर्पित जनजातीय गौरव सप्ताह भी मना रहा है।
बुंदेलखंड पर सभी दलों की नजरें, बीजेपी के सामने इतिहास दोहराना चुनौती
बता दें कि 2017 के चुनाव में भाजपा ने बुंदेलखंड की सभी 19 सीटें जीती थीं। भाजपा के लिए एक बार फिर इतिहास दोहराने की चुनौती है। यहां सपा, बसपा और कांग्रेस भी पूरी ताकत झोंक रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कानपुर से सीधे हमीरपुर पहुंचकर विजय रथ यात्रा आगाज किया था। इसके बाद वे यूपी की यात्रा पर निकले। इसके बाद बसपा ने भी पूरे बुंदेलखंड में प्रबुद्ध समाज के सम्मेलन आयोजित किए। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी भी चित्रकूट से बेटी हूं, लड़ सकती हूं अभियान की शुरुआत करने पहुंची थीं।
UP ELECTION 2022: पीएम मोदी का झांसी दौरा, बुंदेलखंड की जमीन से कर सकते हैं बड़ा ऐलान
PM Modi repeals farm bills: कृषि कानून वापस लेकर पीएम मोदी ने साधे एक तीर से कई निशानें