सार
टीले वाली मस्जिद के मामले में निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध दाखिल रिवीजन अर्जी पर मंगलार, 31 मई को भी सुनवाई होगी। सोमवार को सत्र अदालत में इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान वादी व प्रतिवादी पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी। एडीजे कल्पना ने शेष बहस के लिए मंगलवार सुबह 11 बजे का समय नियत किया है।
लखनऊ: ज्ञानवापी मस्जिद मामले के बाद उत्तर प्रदेश में मस्जिदों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। लखनऊ के टीने वाली मस्जिद को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। लक्ष्मण टीला पर अवैध निर्माण मामला में कोर्ट में आज सुनवाई होगी। लखनऊ उत्तर से विधायक डा. नीरज बोरा ने इस संबंध में सोमवार को याचिका लगाई। याचिका में विधायक की ओर से अवैध निर्माण ध्वस्त कराने की मांग की गई। विधानसभा में दाखिल याचिका में कहा है कि गोमती तट के पास लक्ष्मण टीला लखनऊ का उद्गम और नाभि केंद्र है, जिसे त्रेता युग में लक्ष्मण जी ने बसाया था। यह हम सबकी गौरव गरिमा का प्रतीक और करोड़ों श्रद्धालुओं के आराध्य रामानुज लक्ष्मण से जुड़ा है। यह टीला ऐतिहासिक व पैराणिक महत्व का है। किला मच्छी भवन के नाम से राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। कालांतर में किले के ध्वंस अवशेषों से जो टीला बना, वह इतिहास में लक्ष्मण टीला के नाम से दर्ज हुआ।
याचिका में अवैध निर्माण कराने का दावा
याचिका में कहा गया है कि यह स्थान पुरातत्व विभाग के केंद्रीय संरक्षित स्मारक के अधीन प्रतिषिद्ध है, जहां कुछ लोगों ने अवैध निर्माण करा दिया है। अवैध निर्माण ध्वस्त करने के लिए पुरातत्व विभाग द्वारा प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष (यथासंशोधित) अधिनियम के तहत ध्वस्तीकरण आदेश भी जारी हो चुके हैं।
शिकायत करने के बाद भी नहीं हुआ कोई कार्रवाई
अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के लिए आवास विभाग समेत शासन-प्रशासन से अनेक बार अनुरोध करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। विधायक की ओर से अवैध निर्माण ध्वस्त कराने की मांग की गई।
मंगलवार को होगा सुनवाई
टीले वाली मस्जिद के मामले में निचली अदालत के आदेश के विरुद्ध दाखिल रिवीजन अर्जी पर मंगलार, 31 मई को भी सुनवाई होगी। सोमवार को सत्र अदालत में इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान वादी व प्रतिवादी पक्ष की बहस पूरी नहीं हो सकी। एडीजे कल्पना ने शेष बहस के लिए मंगलवार सुबह 11 बजे का समय नियत किया है।
साल 2013 में मस्जिद को हटाने की मांग
वर्ष 2013 में निचली अदालत में दाखिल इस वाद में मस्जिद को हटाकर इसका कब्जा हिंदुओं को देने की मांग की गई है। कहा गया है कि यह पूरा परिसर शेषनागेस्ट टीलेश्वर महादेव का स्थान है। लिहाजा इस पर हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जाए व उनके दर्शन में बाधा डालने वालों को रोका जाए।
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