सार
पुलिस अधिकारियों से भी मिले और आरोप लगाया कि कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोई घर छोड़कर नहीं गया है। भ्रामक खबरें चलाकर उन्हें नीचा दिखाने का काम किया जा रहा है।
कानपुर: चंद्रेश्वर हाता से पलायन की भ्रामक खबरों का वहां रहने वालों ने खंडन किया है। अब उन्होंने स्पष्ट किया है वह हाता में ही रह रहे हैं और कहीं नहीं गए हैं। खास बात यह है कि चंद्रेश्वर हाता वालों ने ऐसे लोगों को जवाब देने के लिए बैनर मुख्य द्वार पर लगा दिया है। बैनर में हनुमान जी के विराट स्वरूप का चित्र है और दूसरी तरफ लिखा है- पलायन नहीं बल्कि पराक्रम करेंगे।
माहौल बिगाड़ने की कोशिश का आरोप
वहां के लोगों पुलिस अधिकारियों से भी मिले और आरोप लगाया कि कुछ लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोई घर छोड़कर नहीं गया है। भ्रामक खबरें चलाकर उन्हें नीचा दिखाने का काम किया जा रहा है।
कानपुर हिंसा के दौरान जमकर हुआ था पथराव
बीते सप्ताह तीन जून शुक्रवार को जब राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कानपुर देहात में परौंख गांव में उपस्थित थे तब शहर के परेड नई सड़क पर उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ने का प्रयास शुरू कर दिया था। जुमे की नमाज के बाद नई सड़क पर चंद्रेश्वर हाता के सामने पथराव शुरू हो गया था।
इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था और उपद्रवियों ने पुलिस फोर्स पर भी पथराव कर दिया था। जांच में सामने आया कि नुपुर शर्मा के बयान को लेकर बंदी का आह्वान किया गया था, जिसे लेकर विवाद होने पर पथराव शुरू हो गया था। उपद्रवियों ने चंद्रेश्वर हाता को टारगेट किया था।
पलायन का मामला आया था सामने
उपद्रव शांत कराने के बाद पुलिस प्रशासन ने नगर निगम का बुलडोजर मंगाकर सड़क पर फैले पत्थर हटवाए थे। सबसे ज्यादा पत्थर चंद्रेश्वर हाता के बाहर से बटोरे गए थे। इसके बाद चंद्रेश्वर हाता में रहने वालों के पलायन की भ्रामक खबरें फैला दी गई थीं।
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