सार

पिता को रोता देखकर आरोपी बेटा कुछ विचलित हुआ पर तुरन्त ही सामान्य हो गया। उससे पिता एनके सिंह ने कहा कि यह क्या कर दिया। अगर मैं डांटता तो तुम हमें भी मार देते। इस पर बेटा बिना किसी शिकन के बोला कि यह तो वक्त बताता। यह भी कहा कि आप तो मेरी कभी कुछ सुनते ही नहीं थे।

लखनऊ: पीजीआई थाना क्षेत्र में गेम खेलने को लेकर मां की हत्या के मामला एक के बाद एक कई राज खुलकर सामने आ रहे हैं। सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि बेटे ने मां को मौत के घाट उतार दिया। इसका उसको कोई अफसोस नहीं है। पिता की आंखे जरूर नम हो गई लेकिन हत्यारा बेटा एक बार भी अपने किए पर नहीं पछता रहा है। पहली बार पिता-बेटे का आमना-सामना हुआ तो दोनों चुप रहे। फिर पिता की आंखें नम हो गईं।

आरोपी बेटे को अपने किए का कोई पछतावा नहीं
पिता को रोता देखकर आरोपी बेटा कुछ विचलित हुआ पर तुरन्त ही सामान्य हो गया। उससे पिता एनके सिंह ने कहा कि यह क्या कर दिया। अगर मैं डांटता तो तुम हमें भी मार देते। इस पर बेटा बिना किसी शिकन के बोला कि यह तो वक्त बताता। यह भी कहा कि आप तो मेरी कभी कुछ सुनते ही नहीं थे। मां शिकायत कर दे, बस डांटना शुरू कर देते थे।

इंस्पेक्टर ने आरोपी बेटे से पूछा कि दो दिन शव रखा रहा, तुम्हे डर नहीं लगा। इस पर उसने जवाब दिया कि सोमवार की रात डर लगा था तो मोहल्ले में रहने वाले दोस्त को बुला लिया था। मां की हत्या के बाद उनका कमरा बाहर से बंद कर दिया था। दोस्त को कुछ पता नहीं चला।

हत्या के बाद दोस्तों के साथ की पार्टी
सुबह 8 बजे बहन को कमरे में बंद करके मां की स्कूटी लेकर मैच खेलने चला गया। दोपहर 3 बजे खेलकर लौटा। शाम 5 बजे एक दोस्त को फोन करके बुलाया। बहन को दूसरे कमरे में बंद करके दोस्त के साथ पार्टी की। रात भर दोनों ने मूवी देखी। दोस्त ने मां के बारे में पूछा तो बताया कि दादी के पास गईं हैं।

लखनऊ में मां की गोली मारकर हत्या करने वाले 16 साल के बेटे के इरादों की भनक उसके पिता को पहले ही लग गई थी। छटपटाहट में उन्होंने 5 दिन में 2 हजार से ज्यादा कॉल किए। 

3 जून को एक बार बात हुई, लेकिन दोबारा कॉल रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद से ही उन्हें एहसास हो रहा था कि अब पत्नी जिंदा नहीं है। उनकी ये आशंका उस वक्त यकीन में तब्दील हो गई जब खुद बेटे ने ही उन्हें कॉल करके कहा कि मां मर चुकी है। 

छत के रास्ते घर में घुसकर किसी ने मां की हत्या कर दी
बीते 7 जून को लाश छिपाना मुश्किल हो गया था। पिता नवीन का सुबह से फोन और वॉट्सऐप मैसेज आ रहा था। दोपहर में उसने कॉल पिक किया। शाम तक घर के अंदर बेतहाशा बदबू फैल गई। उसे लगा कि घटना को छिपाना अब मुश्किल है। इस पर शाम करीब 7 बजे खुद पिता नवीन को फोन किया। बोला- पापा छत के रास्ते घर में घुसकर किसी ने मां की हत्या कर दी।

भूखी बहन को पड़ोसी से मांग कर खिलाया खाना
सोमवार को सुबह दोस्त चला गया। दोपहर करीब 12 बजे बहन ने कहा कि भूख लगी है। इस पर पड़ोसी के घर गया। बोला कि मां दादी के घर गई है। मुझे खाना बनाना नहीं आता है। बहन भूखी है। पड़ोसी ने खाना दिया। उसे लेकर घर आया। शाम 5 बजे दूसरे दोस्त को बुलाया। इस बार दोस्त के साथ घर में ही खाना बनाया। तब तक कमरे में पड़ी लाश सड़ने लगी थी। हल्की बदबू आ रही थी। उसने दोस्त से बोला घर के बगल में जानवर मरा है।

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