सार

योगी सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के फैसले पर ओवैसी हमलावर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि यह मनमाना फैसला है। गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का डाटा 25 अक्टूबर तक सरकार को सौंप दिया जाएगा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला लिया है। मदरसों का सर्वे कर उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं का ब्यौरा लिया जाएगा। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी के अनुसार, यूपी सरकार मदरसों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाओं आदि के बारे में जानकारी लेगी। दरअसल, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सिकायत के बाद गैक मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवाने का फैसला लिया गया है।

इन बातों की ली जाएगी जानकारी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जल्द ही इस सर्वे की शुरूआत हो सकती है। अंसारी ने बताया कि सर्वे के दौरान मदरसे का नाम, संचालन करने वाली संस्था का नाम, जिस भवन में मदरसा चलाया जा रहा है वह निजी है या किराए का है। साथ ही वहां पढ़ रहे छात्र छात्राओं की संख्या, उनकी उपस्थिति, फर्नीचर, पानी की व्यवस्था, मदरसे में शिक्षकों की संख्या और छात्र-छात्राओं को किस तरह की सुविधाएं मिल रही हैं या किस तरह की सुविधाएं नहीं मिल पर रही हैं इन सबका सर्वे कराया जाएगा। मदरसे की आय का स्रोत और किसी गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता आदि की सूचनाएं सरकार को दी जाएगी।

महिला शिक्षकों को मिलेगा मैटरनिटी लीव
राज्य मंत्री ने बताया कि यूपी में इस वक्त 16,461 मदरसे हैं, जिनमें से सरकारी अनुदान 560 को दिया जाता है। नए मदरसों को पिछले छह साल से अनुदान सूची में नहीं लिया गया है। मदरसों में महिला शिक्षकों को भी माध्यमिक शिक्षा विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग में लागू नियमों के आधार पर अवकाश मिलेगा। महिला शिक्षकों को भी मातृत्व अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश दिया जाएगा। मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का आपसी सहमति से ट्रांसफर भी हो सकेगा। इसके लिए 2 महीने के अंदर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा अपनी संस्तुति सहित आवेदन को रजिस्ट्रार मदरसा बोर्ड को प्रस्ताव भेजना होगा।

ओवैसी यूपी सरकार पर हुए हमलावर 
वहीं यूपी सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के फैसले पर ओवैसी ने कड़ा विरोध जताया है। ओवैसी ने कहा कि जब सरकार मदरसों की मदद नहीं करते तो उनमें दखल क्यों दे रहे हैं। उन्होंने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार का मनमाना फैसला है। सरकार को आदेश जारी कर देना चाहिये कि कोई मुसलमान नहीं रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि यह फैसला मुसलमानों को शक के दायरे में रखने जैसा है। मदरसे के सर्वे को उन्होंने छोटा एनआरसी बताया है।

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