सार

सुबह-सुबह पुजारी मंदिर में पूजा करने पहुंचा। पूजा के लिए वह लड्डू गोपाल को स्नान करा रहा था। उसी दौरान लड्डू गोपाल का विग्रह उसके हाथ से गिर गया और हाथ टूट गया। इससे वह बेहद दुखी हो गया और उसके आंखों से आंसू बहने लगे। पुजारी रोता हुआ लड्डू गोपाल को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा और भर्ती कराने की जिद पर अड़ गया। 

आगरा : उत्तर-प्रदेश (uttar pradesh) के आगरा (agra) में शुक्रवार को भगवान की भक्ति का एक अनूठा मामला देखने को मिला। हुआ यूं कि सुबह-सुबह एक पुजारी मंदिर में जब पूजा करने पहुंचा। पूजा के लिए वह लड्डू गोपाल को स्नान करा रहा था। उसी दौरान लड्डू गोपाल का विग्रह उसके हाथ से गिर गया और हाथ टूट गया। इससे वह बेहद दुखी हो गया और उसके आंखों से आंसू बहने लगे। पुजारी रोता हुआ लड्डू गोपाल को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा और भगवान के हाथ को जोड़ने के लिए अस्पताल खुलने का इंतजार करने लगा। वह लड्डू गोपाल को बच्चे की तरह गोद में लेकर जिला अस्पताल के बाहर बिलख-बिलख कर रोता रहा। लड्डू गोपाल को अस्पताल में भर्ती कराने की जिद पर अड़ा रहा। जब इस बात का पता अस्पताल अधीक्षक को लगा तो उन्होंने लड्डू गोपाल की पट्टी कराई।

मरीज 'श्रीकृष्ण' और पिता 'श्री भगवान' नाम से बनवाया पर्चा
शाहगंज क्षेत्र के खासपुरा स्थित पथवारी मंदिर में लेख सिंह पुजारी हैं। करीब 30 साल से पुजारी मंदिर में सेवा कर रहा है। मंदिर में लड्डू गोपाल विराजमान किए थे। लेख सिंह बच्चों की तरह उनका ख्याल रखते थे। सर्दी, गर्मी और बरसात में मौसम के अनुसार भगवान लड्डू गोपाल के वस्त्र और भोजन का वह पूरा ध्यान रखते थे। उन्होंने बताया कि  शुक्रवार सुबह स्नान कराते समय लड्डू गोपाल गिर गए और उनके हाथ में चोट लग गई। हाथ में दर्द का मरहम लगाकर आठ बजे तक उन्हें गोद मे बिठाकर इंतजार किया। इसके बाद जिला अस्पताल की ओपीडी खुलते ही इन्हें लेकर जिला अस्पताल लेकर आया। जहां पुजारी ने श्री कृष्ण पिता का नाम श्री भगवान के नाम से पर्चा बनवाकर लड्डू गोपाल के हाथ पर पट्टी कराई। 

डॉक्टर ने मना किया तो बेसुध हो गया
प्रतिमा का हाथ टूटने पर पुजारी ने खुद से मूर्ति के हाथ पर कच्चा प्लास्टर चढ़ाया। फिर लड्डू गोपाल को गोद में लेकर जिला अस्पताल पहुंच गया। वह वहां लड्डू गोपाल को अस्पताल में भर्ती कराने की जिद पर अड़ गया। डॉक्टरों के मना करने पर पुजारी रोते-रोते बेसुध हो गया। उसकी हालत देखने के बाद खुद CMS अशोक कुमार ने लडडू गोपाल का पर्चा बनवाकर अपने हाथों से प्लास्टर करवाकर पुजारी को सौंपा। इसके बाद भी भगवान को दर्द होने की बात सोच कर पुजारी रोता हुआ, उन्हें अपने साथ लेकर गया।

भक्ति देख डॉक्टर हैरान
जिला अस्पताल में डॉक्टर पुजारी के इस भक्ति को देख हैरान रह गए। CMS डॉ. एके अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने पहली बार इस तरह का मामला देखा है। पुजारी लगातार रोए जा रहे थे। उनका कहना था कि वो लड्‌डू गोपाल के हाथ में प्लास्टर कर दें। ऐसे में पुजारी की भावनाओं को देखते हुए उन्होंने इलाज किया। उन्होंने देखा तो अष्टधातु की प्रतिमा का हाथ आगे से टूट गया था। इतनी छोटी प्रतिमा को प्लास्टर नहीं चढ़ सकता। इस पर उन्होंने लकड़ी की खपच्ची की सपोर्ट से पट्‌टी कर दी। इससे पुजारी जी संतुष्ट हो गए।

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