सार
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इस्तीफा देने से पहले 21 मार्च को आजमगढ़ गए थे। यहां पर उन्होंने क्षेत्र के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की थी। जिले के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने डिंपल यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने पर सहमति व्यक्त की थी। इन नेताओं की राय पर अखिलेश ने लोकसभा की सीट छोड़ी थी और अब डिंपल यादव को मैदान में उतारकर सपा के मजबूत दुर्ग पर वापस से कब्जा करने की कोशिश करेंगे।
लखनऊ: सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को करहल से विधायक बने रहने का फैसला लिया और आजमगढ़ से सासंदी पद पर इस्तीफा दे दिया। अब आजमगढ़ सीट से लोकसभा के उपचुनाव पर सबकी नजर है। सूत्रों के मुताबिक आजमगढ़ से अब अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव उपचुनाव लड़ेंगी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव इस्तीफा देने से पहले 21 मार्च को आजमगढ़ गए थे। यहां पर उन्होंने क्षेत्र के विधायकों और वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की थी। जिले के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने डिंपल यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ाने पर सहमति व्यक्त की थी। इन नेताओं की राय पर अखिलेश ने लोकसभा की सीट छोड़ी थी और अब डिंपल यादव को मैदान में उतारकर सपा के मजबूत दुर्ग पर वापस से कब्जा करने की कोशिश करेंगे।
करहल की जनता का मान रखने के लिए फैसला
अखिलेश यादव ने विधायक बने रहने का फैसला को लेकर ट्वीट किया जिसमें उन्होंने करहल की जनता का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में उप्र के करोड़ों लोगों ने हमें नैतिक जीत दिलाकर ‘जन-आंदोलन का जनादेश’ दिया है। इसका मान रखने के लिए मैं करहल का प्रतिनिधित्व करूँगा व आज़मगढ़ की तरक़्क़ी के लिए भी हमेशा वचनबद्ध रहूँगा। महंगाई, बेरोज़गारी और सामाजिक अन्याय के ख़िलाफ़ संघर्ष के लिए ये त्याग ज़रूरी है।
आजम ने भी सासंदी दे दिया इस्तीफा
बता दें कि अखिलेश यादव के साथ ही समाजवादी पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि वह रामपुर से लोकसभा सांसद थे और इसी विधानसभा सीट से विधायक भी बने। आजम खान फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं। उन्होंने जेल से ही विधानसभा चुनाव लड़ा था और बीजेपी के प्रत्याशी को 66 हजार से ज्यादा मतों से मात दी थी।