सार

403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) विधानसभा में भाजपा (BJP) को 233 से 252 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है, जबकि सपा 135 से 149 सीटों पर सिमट रही है। सीएम के रूप में योगी आदित्यनाथ 55 फीसदी लोगों की पसंद हैं। महज 2 फीसदी लोग ही प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra) को सीएम (CM) के रूप में देखना चाहते हैं। 

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 (UP Election 2022) को लेकर इंडिया न्यूज, जन की बात ने नवंबर-दिसंबर में किया गया एक ओपीनियन पोल जारी किया है। 20 हजार लोगों पर किए गए इस पोल के मुताबिक भाजपा (BJP) यूपी में एक बार फिर स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बना रही है। 403 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश में भाजपा को 233 से 252 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है, जबकि सपा 135 से 149 सीटों में सिमट रही है। कांग्रेस (Congress) की हालत यूपी में बेहद खराब है। इसे सिर्फ 3 से 6 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि बसपा को 11 से 12 सीटें मिलने का अनुमान है। अन्य पार्टियों के खातें में 1 से 4 सीटें जा सकती हैं। 

सीएम के लिए योगी पहली पसंद 
उत्तर प्रदेश में सीएम पद के लिए 55 फीसदी लोगों की पसंद योगी आदित्यनाथ हैं, जबकि महज 2 फीसदी लोग कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव 31% लोगों का पसंदीदा चेहरा हैं, जबकि 10 फीसदी लोगों की पसंद मायावती हैं। 

देखें, कहां किसे कितनी सीटें मिलने की उम्मीद ...



पूर्वांचल में भाजपा के खाते में आधी से ज्यादा सीटें : 
पूर्वांचल यूपी में 104 सीटें हैं। पोल में यहां भाजपा को 53 से 59 सीटें मिलती दिख रही हैं। सपा यहां 43 से 40 सीटों में सिमट रही है, जबकि बसपा यहां 5 से 6 सीटें ला सकती है। यहां अन्य के खाते में 2 सीटें जाने की उम्मीद है। यहां कांग्रेस के खाते में एक भी सीट जाती नहीं दिख रही हैं। गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से हैं और यह पूर्वांचल में ही आता है। यही नहीं, पीएम मोदी की संसदीय वाराणसी सीट भी पूर्वांचल यूपी में है, जहां पिछले दिनों हजारों करोड़ रुपए की विकास योजनाओं का शुभारंभ हुआ है। 



पश्चिमी यूपी + बृज में सपा नुकसान में दिख रही है, जबकि भाजपा यहां काफी बढ़त में है। माना जा रहा था कि किसान आंदोलन का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के वोट कम करेगा, लेकिन यहां भाजपा पहले वाली स्थिति में नजर आ रही है। यहां भाजपा 88 सीटें तक ला सकती है। सपा यहां 55 सीटों पर सिमट सकती है। कांग्रेस की स्थिति इस क्षेत्र में भी काफी कमजोर है। 




बुंदेलखंड की 25 में से 19 सीटें तक भाजपा को मिल सकती हैं। पानी के लिए जूझते इस इलाके में नवंबर में पीएम मोदी ने 6,600 करोड़ रुपए की कई परियोजनाओं की सौगात दी थी। इनमें सबसे अधिक महत्वपूर्ण है अर्जुन सहायक नहर परियोजना। यह बुंदेलखंड के बांदा, हमीरपुर और महोबा जिलों में सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए बेहद अहम है। इससे इन जिलों की 44 हजार हेक्टेअर से ज्यादा खेतिहर जमीन सिंचित होगी।




अवध में 132 सीटें हैं। इनमें से 84 सीटें तक भाजपा के खाते में जाती दिख रही हैं। यहां भाजपा बेहद मजबूत स्थिति में है, जबकि सपा को नुकसान होता नजर आ रहा है। राम मंदिर और भाजपा सरकार की दूसरी उपलब्धियां यहां वोटरों पर छाई हुई हैं। महंगाई का मुद्दा जरूर 10 फीसदी वोटों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन यह सिर्फ अवध क्षेत्र के लिए नहीं है। 

ओपीनियन पोल में हर आयु वर्ग के लोग शामिल 
यह सर्वे 20 हजार लोगों पर किया गया। इसमें 18 से 35 उम्र के 32 फीसदी लोग थे, जबकि 35 से 45 के बीच आयु वाले 42 फीसदी लोग शामिल हुए। 45 से ऊपर वाले 26 प्रतिशत लोगों ने अपनी राय बताई। 22 नवंबर से लेकर 20 दिसंबर 2021 के बीच यह सर्वे किया गया। यूपी के 75 जिलों की 403 सीटों पर यह सर्वे हुआ, जिसमें 52 फीसदी पुरुष और 48 फीसदी महिलाओं ने भाग लिया। 


मुद्दे और उन पर वोटर्स की राय
- 75 फीसदी लोगों ने कहा कि चुनावों में प्रधानमंत्री की योजनाओं का असर दिखेगा। 25 प्रतिशत इस बात से सहमत नहीं है। 
- 52 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज से खुश हैं। 48 प्रतिशत लोग योगी सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं नजर आए। 
- 55 प्रतिशत लोगों ने माना कि उत्तर प्रदेश में ध्रुवीकरण हो रहा है, जबकि 45 प्रतिशत लोगों ने इससे इंकार किया। 
- 42 प्रतिशत लोगों ने माना कि उम्मीदवार के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी है, जबकि 31 प्रतिशत लोगों का कहना है कि सरकार के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी है। 27 प्रतिशत लोगों का कहना है कि यूपी में एंटी इनकमबेंसी नहीं है। 


यूपी में किस आधार पर होगा मतदान ? 

जाति और धर्म24%
विकास23%
कानून और सुरक्षा21%
सरकारी योजनाओं का लाभ16%

राम मंदिर के नाम पर सिर्फ 1% वोट
वोटिंग किस आधार पर होगी, इस मामले में जाति और धर्म सबसे ऊपर दिखा। 24 फीसदी लोगों का मानना है कि यूपी चुनावों में वोट जाति और धर्म देखकर पड़ेंगे। सरकारी योजनाओं के लाभ के आधार पर सिर्फ 16% वोट डालने की बात सामने आई है। महंगाई का मुद्दा सिर्फ 10% असर दिखाएगा जबकि राम मंदिर के मुद्दे पर 1 फीसदी वोट पड़ेंगे। बेरोजगारी सिर्फ 5 प्रतिशत वोटों पर असर डालेगी। 

यूपी का जातीय समीकरण 

गैर यादव ओबीसी34%
मुस्लिम18%
ब्राह्मण11%
जाटव11%
यादव9%
गैर जाटव9%
राजपूत7%
अन्य1%


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