सार
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से बाहर जाकर बसे राज्य के लोग अगर अपने गांव के विकास के लिए कुछ करना चाहते हैं तो सरकार ने उनके लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’(Matra Bhoomi Yojana) की शुरुआत की है। इसे बुधवार को कैबिनेट की बैठक (Yogi Cabinet) में मंजूरी दे दी गई है। जल्द ही ये योजना साकार रूप लेगी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से बड़ी संख्या में लोग गांवों से निकलकर देश के विभिन्न शहरों और विदेशों में काम करते और रहते हैं। ऐसे में यूपी सरकार अब ग्रामीण इलाकों के विकास में जन सहभागिता को बढ़ावा देने जा रही है। पंचायती राज विभाग की ओर से एक नई योजना शुरू की जा रही है। इसका नाम है- मातृभूमि योजना (Matra Bhoomi Yojana)। अब बाहर रहने वाले सुख-सुविधा संपन्न लोग गांव के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं, उनके लिए यह सुनहरा मौका है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के क्रियान्वयन संबंधी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इस योजना में कोई व्यक्ति या समूह अपने गांव में नाली, खड़ंजे, बिजली, पानी, सड़क, विद्यालय आदि विकास कार्य में अपनी धनराशि खर्च कर सकता है। इन विकास कार्यों की कुल लागत का 40% खर्च उत्तर प्रदेश सरकार वहन करेगी। दरअसल, उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग गांव से निकलकर देश के विभिन्न शहरों और विदेशों में रहते हैं। ये सुविधा सम्पन्न लोग अपने गांव के विकास में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए ना कोई योजना है और ना कोई मंच, इसलिए सरकार मातृभूमि योजना लेकर आई है।
जानिए उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना...
CM योगी ने कहा कि इस योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति या निजी संस्था किसी ग्राम पंचायत में विकास कार्य, अवस्थापना सुविधा का विकास और पंचायतीराज अधिनियम-1947 में प्रावधानित कार्यों को कराना/ करना चाहता है उसके लिए यह योजना है। इसके तहत कार्य की लागत की 60% धनराशि वहन उसे खुद करना होगा और बाकी 40% धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार करेगी।
सोसायटी का गठन होगा
यूपी में‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी’ का गठन किया जाएगा। सोसायटी को 100 करोड़ की निधि उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका उपयोग किसी योजना के लिए राज्यांश के बजट की उपलब्धता ना होने पर किया जाएगा और बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस लौटाया जाएगा।
शिलालेख भी लगाया जाएगा
इस योजना के तहत उस व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के परिवार के किसी बुजुर्ग, या अन्य किसी सदस्य के नाम का शिलालेख भी लगाया जाएगा। इसमें उपरोक्त विकास कार्य का उल्लेख भी किया जाएगा। ये काम उसके लिए गांव में यादगार बन सकेगा। गांव वालों को भी सुख-सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा।
हिंदू बंगाली परिवारों का होगा पुनर्वास
यूपी सरकार ने 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के लिए पुनर्वासन योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके तहत कानपुर देहात जनपद की रसूलाबाद तहसील के भैंसाया गांव में पुनर्वास विभाग के नाम उपलब्ध 121.41 हेक्टर भूमि पर प्रस्तावित योजना पर मुहर लगाई है। इसके अलावा, कैबिनेट ने प्रदेश के अन्त्योदय और पात्र गृहस्थी कार्डधारकों के लिए आयोडाइज्ड नमक, दाल/साबुत चना, खाद्य तेल (यथा-सरसों तेल/रिफाइण्ड तेल) एवं खाद्यान्न के निःशुल्क वितरण संबंधी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
वकीलों को कल्याण निधि से 5 लाख मिलेंगे
कैबिनेट ने संकल्प पत्र 2017 में की गई घोषणा को भी पूरा किया। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति में पंजीकृत करीब 5,848 अधिवक्ताओं को पंजीकरण से 30 वर्ष पूर्ण करने पर 1.50 लाख रुपए से पांच लाख रुपए एकमुश्त दिए जाने के लिए फैसला लिया। सरकार ने उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि अधिनियम-1974 की धारा-13 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
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