सार
मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की गई। जिसमें 70 लाख नगद, करीब 5 लाख की विदेशी मुद्रा और 15 लाख रुपए के गहने बरामद हुए हैं। वहीं एक करोड़ की जमीन के कई कागजात के साथ बैंक खातों और लॉकर की भी जानकारी मिली है।
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश). मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति ( magadh university) राजेन्द्र प्रसाद (VC Rajendra Prasad) के सरकारी घर और बाकी ठिकानों पर छापे की कार्रवाई हुई। जिसमें स्पेशल विजिलेंस यूनिट टीम ( special vigilance team) ने प्रोफेसर पर विश्वविद्यालय में खरीदारी के नाम पर 30 करोड़ रुपए से ज्यादा के गलत इस्तेमाल को लेकर छापेमारी की। जिसमें टीम को उनके घर से 70 लाख नगद, करीब 5 लाख की विदेशी मुद्रा और 15 लाख रुपए के जेवर बरामद हुए हैं।
एक साथ तीन ठिकानों पर की गई छापेमारी
दरअसल, निगरानी विभाग की टीम ने बुधवार को कुलपति राजेन्द्र प्रसाद के तीन ठिकानों पर छापेमारी की। जिसके चलते गया स्थित आवास, बोधगया के कार्यालय और गोरखपुर स्थित घर की तलाशी ली गई। जिसमें गोरखपुर के घर से 70 लाख नगद, करीब 5 लाख की विदेशी मुद्रा और 15 लाख रुपए के जेवर बरामद हुए हैं। वहीं एक करोड़ की जमीन के कई कागजात के साथ बैंक खातों और लॉकर की भी जानकारी मिली है।
कई बैंक एकाउंट और लॉकर किए गए फ्रीज
टीम ने कुलपति के सभी बैंक एकाउंट और लॉकर को फ्रीज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं कुलपति के खिलाफ जालसाजी और भ्रष्टाचार के आरोपों में मामला दर्ज कर लिया है। प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद पर आरोप है कि उन्होंने मगध और वीर कुंवर सिंह विवि के कुलपति रहते कई गलत काम किए हैं। जिसमें करोड़ों के घोटाले से लेकर उत्तर पुस्तिका का भी लेख है।
पहले भी विवादों में रह चुके हैं मगध यूनिवर्सिटी के कुलपति
बता दें कि मगध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद अपने कामों को लेकर हमेशा विवाद में रहे हैं और उनके ऊपर करप्शन में भी मुलव्विस होने को आरोप लगते रहे हैं. अब यूनिवर्सिटी में खरीदारी के नाम पर 30 करोड़ रुपए से ज्यादा के गलत इस्तेमाल को लेकर फंस गए हैं।
कौन हैं घोटले में फंसे प्रोफेसर राजेन्द्र प्रसाद
मगध यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद इससे पहले पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि और इलाहाबाद स्टेट विवि प्रयागराज के कुलपति रह चुके हैं। इतना ही नहीं वह रक्षा अध्ययन विषय के जानकार हैं। वह मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं। वह गोरखपुर यूनिवर्सिटी में चार बार चीफ प्रॉक्टर रहे हैं। साल 2019 में उन्हें बिहार के मगध यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया था। वह डीन, रजिस्ट्रार एवं वित्त अधिकारी भी रह चुके हैं।