सार

बीजेपी 2017 के चुनाव में राम मंदिर के नाम पर सत्ता में काबिज हुई थी। इसी बीच काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर के बीजेपी ने हिंदुत्व की एक लाइन खींच दी। अब 2022 के चुनाव में बीजेपी एक बार फिर से  मथुरा जन्मभूमि के मुद्दे को जनता के बीच मे लाने का काम कर रही है। कहीं न कहीं इसका असर विपक्षी दलों में भी देखने को मिल रहा है। 

लखनऊ: हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के दम पर सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी 2022 चुनाव (Up Election 2022) में फिर भगवान भरोसे है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है बीजेपी राम मंदिर (Ram Mandir) और काशी (Kashi) के बाद मथुरा (Mathura) को धार देने लगी है। वही विपक्ष भी इस बार राम नाम लेकर अपनी संभावनाएं तलाश कर रही है। 

भगवान भरोसे बीजेपी
बीजेपी 2017 के चुनाव में राम मंदिर के नाम पर सत्ता में काबिज हुई थी। इसी बीच काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर के बीजेपी ने हिंदुत्व की एक लाइन खींच दी। अब 2022 के चुनाव में बीजेपी एक बार फिर से  मथुरा जन्मभूमि के मुद्दे को जनता के बीच मे लाने का काम कर रही है। कहीं न कहीं इसका असर विपक्षी दलों में भी देखने को मिल रहा है। 

मथुरा होगा बीजेपी का मुख्य एजेंडा
यूपी चुनाव 2022 को लेकर श्री कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा भाजपा की प्राथमिकता बनता जा रहा है। बीजेपी के छोटे से लेकर बड़े नेताओं के मुह से कृष्ण जन्मभूमि का जिक्र जरूर सुनने को मिल रहा है। कई नेता तो इस बात की पुष्टि भी कर चुके हैं कि चुनाव के और नजदीक आते ही बीजेपी के मुख्य एजेंडे में यह मुद्दा शामिल हो जाएगा। अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा की बारी है। 

केशन मौर्य ने उठाया था श्री कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश से सवाल पूछा था कि वो बताएं कि मथुरा जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण चाहते हैं कि नहीं में कृष्ण मंदिर चाहते हैं कि नहीं। अखिलेश यादव ने इस सवाल का जवाब देते हुए लिखा था कि भाजपा का एजेंडा गरीबों को लूटने और अमीरों की जेब भरने का है। वहीं मायावती ने केशव के बयान पर हिंदू-मुस्लिम की राजनीति करने वालों से जनता को सावधान रहने की बात कही थी। 

श्री कृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा विपक्ष के लिए भी सरदर्द बनता दिखाई पड़ रहा है यही वजह है कि अखिलेश के बयानों में भी मथुरा श्री कृष्ण मंदिर की बात आने लगी है। इतना ही नहीं अखिलेश यादव के सपनों में भी भगवान श्री कृष्ण आने लगे हैं। उन्होंने कहा ‘भगवान श्रीकृष्ण मेरे भी सपने में आते हैं और कल भी आए थे रोज आते हैं और कहते हैं कि समाजवादी सरकार बनने जा रही है।'

हिंदुत्व के एजेंडे पर बीजेपी की राजनीति
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक बीजेपी को जहां भी मौका मिलता है, वह हिंदुत्व के एजेंडे को आगे कर देती है। ऐसे में बीजेपी ने धार्मिक आधार पर 2022 के चुनाव के लिए अपनी प्राथमिकता तय कर ली है। अब अयोध्या के राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने साथ-साथ काशी और मथुरा की बात को खुलकर उठाना शुरू कर दिया, जो इस बात का संकेत है कि बीजेपी की रणनीति हिंदुत्व के एजेंडे पर ही 2022 चुनाव में उतरने की है। 

बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का कहना है कि  अयोध्या-काशी-मथुरा हमारे लिए चुनाव के मसले नहीं हैं, बल्कि आस्था से जुड़ा मामला है। राजनीतिक दल के तौर पर हमारी प्रतिबद्धता है कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के केंद्रों को सहेजने के साथ-साथ सजाने व संवारने का काम करें। ऐसे में तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले दलों को आज पीड़ा हो रही है कि बीजेपी कैसे मंदिरों को संवार रही है और अयोध्या-काशी-मथुरा का विकास कर रही है।
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