सार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यालय से संबंधित कर्मचारियों की विदाई की पटकथा के इरादे साफ कर दिए है। इससे मना नहीं किया जा सकता है कि राज्य के सभी विभागों और कार्यालयों में संबद्ध कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में भेजने का अभियान शुरू हो जाए। 

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कार्यालय में बदलाव चाहते है इसलिए कर्मचारी अपने मूल विभागों को जाएंगे। सीएम धामी ने नया फैसला लेते हुए कहा कि ऐसे कर्मचारियों की संबद्धता समाप्त कर उन्हें मूल विभागों भेजने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उनके कार्यालय से आदेश पर कार्रवाई करने को कहा गया है।

सीएम के राज्य सचिवालय, मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा व देहरादूस के अन्य कार्यालयों में कई कर्मचारी संबद्धता पर तैनात हैं। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने कार्यालय में बदलाव चाहते है। बता दें कि संबद्धता के ज्यादातर मामलों में तैनात कर्मचारियों ने सियासी रसूख और सिफारिश से अपनी तैनाती मुख्यमंत्री के कार्यालय में करा रखी है। 

इसे ही देखते हुए उन्होंने संबद्धता पर तैनात सभी कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में भेजने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने सभी उच्च अधिकारियों को ताकीद किया है कि तत्काल प्रभाव से कर्मचारियों की संबद्धता रद्द किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों की मूल विभाग में अविलंब कार्यभार ग्रहण करना भी सुनिश्चित किया जाए। 

कर्मचारियों को विभागों में भेजना का अभियान होगा शुरू
मुख्यमंत्री के इस कड़े रूख के बाद अब विभागओं और कार्यालयों में भी संबद्धता पर खतरा मंडरा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यालयों से संबद्ध कर्मचारियों की विदाई की पटकथा लिखकर इरादे साफ कर दिए हैं। इससे बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता है कि राज्य के सभी विभागों और कार्यालयों में संबद्ध कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में भेजने का अभियान शुरू हो जाए। 

बायोमीट्रिक उपस्थित की शुरुआत सीएमओ से हुई
इस निर्देश के पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कर्मचारियों को समय पर दफ्तर आने की अपेक्षा की थी। उनके आदेश के बाद मुख्य सचिव ने राज्य सचिवालय और राज्य के सभी कार्यालयों में बायोमीट्रिक से उपस्थित दर्ज करने की प्रणाली को लागू करने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं कार्यालय में लेटलतीफी कर पहुंचने वाले कर्मचारियों के खिलाफ हिदायत भी दी थी। 

पर्वतीय मार्गों पर चार घंटे तक बढ़ाई गई वाहनों को चलाने की अवधि, जानें अब क्या होगा नया समय

उत्तराखंड में बनेगा देश का पहला जीआई बोर्ड, उत्पादों की मांग बढ़ाने से लेकर पलायन रोकने तक में मिलेगी सफलता

उत्तराखंड: सुरकंडा देवी मंदिर में रोपवे सेवा की हुई शुरुआत, जानिए पहले दिन कितने लोगों ने किया सफर