सार
रामपुर में चुनाव प्रचार लगातार जारी है। इस बीच कई जनसभाओं में आजम खां भावुक भी नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि वह अपना वोटबैंक बचाए रखने के लिए लोगों से भावुक होकर अपील कर रहे हैं।
रामपुर: आजम खां का गढ़ कही जाने वाली रामपुर विधानसभा सीट पर इन दिनों सब कुछ सामान्य सा नहीं है। उपचुनाव के शोर के बीच माना जा रहा है कि यहां बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। आजम खां को अयोग्य करार दिए जाने के बाद उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है। सपा ने यहां से आजम खां के करीबी आसिम रजा को मैदान में उतारा है। हालांकि यह तय है कि इस सीट से आजम की साख दांव पर लगी है। आजम खां खुद ही शहर में तमाम जगहों पर जाकर प्रचार कर रहे हैं। इस बीच उनके द्वारा लोगों से भावुक अपील भी की जा रही है। माना जा रहा है कि लोगों से इमोशनल अपील कर आजम अपने वोटबैंक को खिसकने से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। जिस तरह से वह बीते दिनों जेल से वापस आए उसके बाद जनता ने खुले दिल से उनका स्वागत किया और जमकर प्यार लुटाया। आजम उन्हीं यातनाओं को याद दिलाकर लोगों का विश्वास फिर से जीतना चाहते हैं।
भाजपा आयोजित कर रही खिचड़ी सम्मेलन, आजम दिखा रहे भेड़िये का डर
भाजपा भी रामपुर उपचुनाव में कोई कोर कसर छोड़ने के मूड में नहीं है। रामपुर में इन दिनों खिचड़ी पंचायत की जा रही है। इस पंचायत में सभी समुदाय के लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है। भाजपा को उम्मीद है कि वह इसके जरिए रामपुर के पसमांदा मुसलमानों को लुभा लेगी। आमतौर पर पसमांदा मुसलमान आजम खां का ही साथ देते हैं। इसी के चलते भाजपा यहां जीत नहीं हासिल कर सकी। एक ओर जहां भाजपा खिचड़ी पंचायत कर रही है तो वहीं आजम खां भेड़िये का डर लोगों को दिखा रहे हैं। वह कई जनसभाओं में भाजपा की ओर इशारा कर कहते हैं कि भेड़ियां तुम्हारे दरवाजे पर खड़ा है। आसिम रजा को इसी साल लोकसभा उपचुनाव में भी पार्टी ने उतारा था हालांकि उन्हें करारी हार मिली। उनके मुकाबले में कभी आजम के ही करीबी माने जाने वाले घनश्याम लोधी को भाजपा ने टिकट दिया था जिन्होंने चुनाव में जीत भी हासिल की। हालांकि इस बार की जंग में आजम अपने ही गढ़ में घिरते हुए दिखाई पड़ रहे हैं।
जनसभाओं में आजम कर रहे भावुक अपील
कांग्रेस के नेता नवाब काजिम अली खान की ओर से भी भाजपा को समर्थन का ऐलान कर दिया गया है। इसी के चलते आजम अब इमोशनल कार्ड खेल रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है जिससे मुस्लिमों की गोलबंदी को बरकरार रखा जा सके। आजम कई सभाओं में भी लोगों से भावुक अपील करते हुए नजर आते हैं। वही लोगों को अपने काम गिनाते हैं और जेल की अपनी सजा को भी याद करते हैं। यही नहीं आजम खां अपने और परिवार पर हुई यातनाओं को भी लोगों को याद दिलाते हैं। बीते सालों में रामपुर में जो भी कुछ हुआ है उसका जिक्र आजम अपने मंच से करते हुए सुनाई देते हैं।