कुंडली से जानें करियर का सक्सेस मंत्रा
युवाओं के सामने इतने विकल्प होते हैं कि वह यह समझ ही नहीं पाते कौन से क्षेत्र में अपना करियर संवारें। लेकिन जन्म कुंडली देखकर यह जाना जा सकता है कि कौन सा क्षेत्र उसके करियर के लिए उपयुक्त है।
उज्जैन. वर्तमान समय में युवाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या करियर बनाने की होती है। युवाओं के सामने इतने विकल्प होते हैं कि वह यह समझ ही नहीं पाते कौन से क्षेत्र में अपना करियर संवारें। लेकिन जन्म कुंडली देखकर यह जाना जा सकता है कि कौन सा क्षेत्र उसके करियर के लिए उपयुक्त है। बताते हैं ग्रहों के आधार पर किस क्षेत्र में बन सकता है आपका करियर
गणित
जन्म कुंडली में अगर बुध बलवान यानी स्ट्रांग है तो व्यक्ति को बैंक या अकाउंटस फील्ड में सक्सेस मिल सकती है।
जीवविज्ञान (बायोलॉजी)
सूर्य का जलीय तत्व की राशि में स्थित होना, षष्ट और दशम भाव-भावेश के बीच संबंध, सूर्य और मंगल का संबंध आदि चिकित्सा क्षेत्र में पढ़ाई के कारक होते हैं। लग्न-लग्नेश और दशम-दशमेश का संबंध अश्विनी, मघा अथवा मूल नक्षत्र से हो तो चिकित्सा क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
कला (आर्टस)
पंचम-पंचमेश और इस भाव के कारक गुरु का पीडि़त होना कला के क्षेत्र में पढ़ाई में बाधक होता है। इन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पढ़ाई पूरी करवाने में सक्षम होती है।
वाणिज्य (कॉमर्स)
कुंडली में लग्न-लग्नेश का संबंध बुध के साथ-साथ गुरु से भी हो तो व्यक्ति कॉमर्स विषय की पढ़ाई सफलतापूर्वक करता है।
इंजीनियरिंग
जन्म, नवांश अथवा चंद्रलग्न से मंगल चतुर्थ स्थान में हो अथवा चतुर्थेश मंगल की राशि में स्थित हो तो व्यक्ति इंजीनियर की पढ़ाई कर सकता है। साथ ही यदि मंगल की चतुर्थ भाव अथवा चतुर्थेश पर दृष्टि हो अथवा चतुर्थेश के साथ युति हो तो भी जातक इसी क्षेत्र में अपना करियर बना सकता है।