मरीजों की प्राणवायु लेकर ट्रेन से भोपाल पहुंचे ऑक्सीजन के 2 टैंकर, दूर हो सकती है अब कमी


वीडियो डेस्क। देश में कोरोना संकट काल अभी भी जारी है और इस बीच कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा भयावह है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, जिसके बाद से मरीजों में ऑक्सीजन की कमी के कई मामले सामने आए और ऑक्सीजन, कोरोना संकट काल में संजीवनी बन गई। इस समय ऑक्सीजन की आपूर्ति किसी भी अस्पताल के लिए संजीवनी से कम नहीं है लेकिन झारखंड के बोकारो से 46 टन ऑक्सीजन से भरे दो टैंकर रेल द्वारा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहुंचे। भोपाल निगम इंजीनियर चंचलेश की टीम ऑक्सिजन पहुंचाने के काम में जुटी है। ज़रूरत पड़ने पर भोपाल के अस्पतालों में सप्लाई होगी। सप्लाई को बैकअप के लिए रखा जाएगा। 
 

/ Updated: May 22 2021, 11:52 AM IST

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वीडियो डेस्क। देश में कोरोना संकट काल अभी भी जारी है और इस बीच कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा भयावह है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है, जिसके बाद से मरीजों में ऑक्सीजन की कमी के कई मामले सामने आए और ऑक्सीजन, कोरोना संकट काल में संजीवनी बन गई। इस समय ऑक्सीजन की आपूर्ति किसी भी अस्पताल के लिए संजीवनी से कम नहीं है लेकिन झारखंड के बोकारो से 46 टन ऑक्सीजन से भरे दो टैंकर रेल द्वारा मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पहुंचे। भोपाल निगम इंजीनियर चंचलेश की टीम ऑक्सिजन पहुंचाने के काम में जुटी है। ज़रूरत पड़ने पर भोपाल के अस्पतालों में सप्लाई होगी। सप्लाई को बैकअप के लिए रखा जाएगा।