BHU ने 40 साल पहले बनाई थी दवा, अब कोरोना मरीजों पर करेगी ट्रायल, आयुष मंत्रालय ने दी मंजूरी

वीडियो डेस्क। पूरा विश्व महामारी से लड़ रहा है, कोरोना को खत्म करने के लिए कई देशे दवा बना रहे हैं। वहीं भारत में योग गुरु बाबा रामदेव के बाद अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा किया है। आयुष मंत्रालय ने कोरोना मरीज़ों पर ट्रायल के लिए इस दवा को मंजूरी दे दी है। 

/ Updated: Jun 26 2020, 08:43 PM IST
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वीडियो डेस्क। पूरा विश्व महामारी से लड़ रहा है, कोरोना को खत्म करने के लिए कई देशे दवा बना रहे हैं। वहीं भारत में योग गुरु बाबा रामदेव के बाद अब काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा बनाने का दावा किया है। आयुष मंत्रालय ने कोरोना मरीज़ों पर ट्रायल के लिए इस दवा को मंजूरी दे दी है। ट्रायल के तीन महीने बाद बीएचयू आयुर्वेद विभाग अपनी रिपोर्ट आयुष मंत्रालय को सौपेंगा। आपको बता दें कि बीएचयू के आयुर्वेद विभाग ने 40 साल पहले ही इस दवा की खोज की थी जो अब कोरोना के लिए उपयोगी बताई जा रही है। आपको बता दें कि 1980 में शिरीषादि कसाय सांस रोग के लिए खोजी गई थी। इसी दवा को कोरोना के मरीजों पर ट्राइल किया जाएगा। आयुर्वेदिक दवा शिरीषादि कसाय में शिरीष संग वासा, मुलेठी, तेजपत्ता, कंडकारी औषधीय शामिल हैं।