चंद्रग्रहण 2020: धरती के कंपन और समुद्र में तूफान, आने वाले 3 महीने हैं खतरनाक!
वीडियो डेस्क। माद्य ग्रहण में चंद्रमा घटता-बढ़ता नहीं दिखाई देगा, सिर्फ चंद्र के आगे धूल की एक परत-सी छा जाएगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चंद्रग्रहण 5 जून की रात 11.15 से शुरू होगा और समापन 6 जून की सुबह 2.34 पर होगा। मांद्य का अर्थ है न्यूनतम यानी मंद होने की क्रिया। इसलिए इस चंद्रग्रहण को लेकर सूतक नहीं रहेगा। इसका किसी भी तरह
वीडियो डेस्क। माद्य ग्रहण में चंद्रमा घटता-बढ़ता नहीं दिखाई देगा, सिर्फ चंद्र के आगे धूल की एक परत-सी छा जाएगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चंद्रग्रहण 5 जून की रात 11.15 से शुरू होगा और समापन 6 जून की सुबह 2.34 पर होगा। मांद्य का अर्थ है न्यूनतम यानी मंद होने की क्रिया। इसलिए इस चंद्रग्रहण को लेकर सूतक नहीं रहेगा। इसका किसी भी तरह का धार्मिक असर नहीं होगा। इस ग्रहण में चंद्र की हल्की सी कांति मलीन हो जाएगी। लेकिन, चंद्रमा का कोई भी भाग ग्रहण ग्रस्त होता दिखाई नहीं देगा। इस ग्रहण में चंद्रमा का करीब 90 प्रतिशत भाग धूसर छाया में आ जाएगा।
ग्रहण का प्रभाव
इस चंद्र ग्रहण में भले ही सूतक का असर नहीं है लेकिन इस ग्रहण का प्रभाव बहुत खतरनाक रह सकता है इसके प्रभाव सेस भूकंप आ सकता है जिसका केंद्र कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली एनसीआर हो सकत है। वहीं समुद्र में भी तूफान आने की आशंका है। ग्रहण का असर 40 दिन पहले से शुरू होता है और 3 महीने तक इसका प्रभाव रहेगा। वहीं गर्भवती महिला भी ग्रहण के दौरान सतर्कता बरतें। नुकीली चीजों जैसे चाकू, कैंची, सूई आदि चीजों का इस्तेमाल न करें