5 उपाय: नीले फूल, सिंदूर और रोटी से कालभैरव को कर सकते हैं खुश
इस बार 19 नवंबर मंगलवार को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। भगवान कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है। इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना अधूरी रहती है। कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ आसान काम करने चाहिए।
वीडियो डेस्क। इस बार 19 नवंबर मंगलवार को मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस दिन कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव ने कालभैरव का अवतार लिया था। भगवान कालभैरव को तंत्र का देवता माना गया है। इनकी कृपा के बिना तंत्र साधना अधूरी रहती है। कालभैरव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कुछ आसान काम करने चाहिए।
1. मंगलवार को भगवान कालभैरव के मंदिर में सरसों के तेल का दीपक लगाएं। साथ ही नीले फूल भी चढ़ाएं।
2. किसी पुराने भैरव मंदिर में जाकर साफ-सफाई करें और भैरव प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाएं
3. कालभैरव अष्टमी पर भगवान कालभैरव को दही में गुड़ मिलाकर भोग लगाएं।
4. इस दिन घर में भैरव यंत्र की स्थापना करें और इसकी पूजा करें।
5. कालभैरव के मंदिर में बैठकर ऊं कालभैरवाय नम: मंत्र का108 बार जाप करें।
6. कालभैरव अष्टमी पर कुत्तों को रोटी खिलाएं।
7. इस दिन भगवान कालभैरव को शराब का भोग लगाएं।