कैसे FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने से बचा पाकिस्तान, लेकिन कम नहीं हुईं मुसीबतें
FATFपैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है। आतंकवादी संगठनों को फाइनैंसिंग के तरीकों पर लगाम न कसने वाले लोगों को इस लिस्ट में डाला जाता है।
वीडियो डेस्क। पेरिस आधारित फाइनेनशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि जल्दी प्रगति करें नहीं तो हम आपको ब्लैक लिस्ट कर देंगे। इसके लिए पाकिस्तान को करीब 4 महीने का समय दिया है। हालांकि पाकिस्तान इस बात से राहत महसूस कर सकता है कि फिलहाल वह ब्लैक लिस्ट होने से बच गया है, लेकिन FATF ने चेतावनी देते हुए उसे फरवरी 2020 तक का समय दिया है। FATF ने कहा कि वह निर्धारित 27 पॉइंट्स को पूरा करे। फिलहाल पाक को 22 बिन्दुओं पर फेल करार दिया गया है।यदि पाकिस्तान फरवरी 2020 तक अपेक्षित सुधार नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। इसके लिए FATF ने उसे चेतावनी भी दी है। पाक को फिलहाल ग्रे लिस्ट में ही रखा गया है, जबकि भारत चाहता था कि उसे ब्लैक लिस्ट में डाल देना चाहिए। माना जा रहा है कि पाकिस्तान को बचाने में चीन, मलेशिया और तुर्की की खास भूमिका रही है। गौरतलब है कि कुल 36 देशों के FATF के मुताबित किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट होने से बचाने के लिए 3 देशों का समर्थन जरूरी होता है। ये पूरा मामला बता रहे हैं विदेशी मामलों के जानकार अभिषेक खरे
जानें, क्या होती है FATF की ग्रे लिस्ट
FATFपैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है। आतंकवादी संगठनों को फाइनैंसिंग के तरीकों पर लगाम न कसने वाले लोगों को इस लिस्ट में डाला जाता है।