Navratri 2022: सरहद पार पाकिस्तान में विराजी हैं माता हिंगलाज, देखें कैसे पूजा करते हैं हिंदू और मुस्लिम

पाकिस्तान में स्थित मां हिंगलाज मंदिर (Hinglaj Mata Mandir in Pakistan) । जहां मां शक्ति के रूप में विराजी हैं। ये मां के 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। माता यहां हिंगलाज माता के रूप में विराजती हैं। यहां माता सती के सिर गिरा था।

/ Updated: Sep 27 2022, 11:11 AM IST
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वीडियो डेस्क। नवरात्रि (Navratri 2022) के पावन पर्व चल रहे हैं। देशभर में माता के पर्व की धूम मची हुई है। हर शहर कस्बें में अम्बे मां के गुणगान किया जा रहा है। देश के बाहर सरहद पार भी माता के द्वार भक्तों के लिए खुले हैं। जी हां बात पाकिस्तान में स्थित मां हिंगलाज मंदिर (Hinglaj Mata Mandir in Pakistan) की है। जहां मां शक्ति के रूप में विराजी हैं। ये मां के 51 शक्तिपीठों में से एक हैं। माता यहां हिंगलाज माता के रूप में विराजती हैं। यहां माता सती के सिर गिरा था। यह पाकिस्तान के तटीय प्रांत बलूचिस्तान (balochistan) के लसबेला कस्बे (Lasbela) में मौजूद है। इस मंदिर में सिर्फ हिंदू ही नहीं मुस्लिम भी सिर झुकाते हैं। बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के किनारे बसा है ये मंदिर। भारत की वैष्णो देवी की गुफा की तरह यहां भी माता ऊंचे पहाड़ पर गुफा के अंदर मौजूद हैं। यहां कोई दरवाजा नहीं है। मंदिर परिसर में श्रीगणेश, कालिका माता की प्रतिमा भी स्थापित है।  इस शक्तिपीठ की देखरेख हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भी करते हैं।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां हिंगलाज माता के दरबार में जो भी भक्त शीश नवाने पहुंचचा है उसके पूर्वजन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं।