बर्थ सर्टिफिकेट के लिए मांगी 500 की रिश्वत, नहीं मिलने पर 100 साल बढ़ा दी बच्चे की उम्र
देश में एनआरसी को लागू किए जाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच कई प्रबुद्ध लोगों ने कहा है कि गरीबों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कागजात बनवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। अब इन विचारों का समर्थन करने वाला एक दिलचस्प मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है।
देश में एनआरसी को लागू किए जाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच कई प्रबुद्ध लोगों ने कहा है कि गरीबों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कागजात बनवाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। अब इन विचारों का समर्थन करने वाला एक दिलचस्प मामला उत्तर प्रदेश से सामने आया है।
बरेली में एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने हाल ही में पुलिस को एक ग्राम विकास अधिकारी और एक ग्राम प्रधान के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया, जिन्होंने रिश्वत नहीं मिलने के कारण एक परिवार के दो बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में कथित तौर पर उनकी उम्र 100 साल बढ़ा दी थी।
शाहजहांपुर के खुटार पुलिस स्टेशन के अंतर्गत बेला गांव के पवन कुमार ने आरोप लगाया है कि ग्राम विकास अधिकारी सुशील चंद अग्निहोत्री और ग्राम प्रधान प्रवीण मिश्रा ने एक बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए 500 रुपये की मांग की थी, जिसके लिए उन्होंने दो महीने पहले ऑनलाइन आवेदन किया था। जब उन्होंने रिश्वत देने से इनकार कर दिया, तो परिवार को परेशान करने के लिए जन्म के वर्ष को गलत दर्ज किया गया।
यह सोचने की बात है कि इस देश में ऐसे कितने मामले सामने आते हैं।