इन विदेशी 'मेहमानों' को खूब भा रहा है संगम का किनारा, श्रद्धालुओं के हाथ और सिर पर बैठकर खाते हैं खाना

ये पक्षी रूस के साइबेरिया इलाके से आते हैं, जिन्हें हम साइबेरियन पक्षी कहते हैं। भारत आने के लिए ये पक्षी 4000 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा सफर उड़कर पूरा करते हैं। ये पक्षी ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को पार करते हुए भारत आते हैं। इतना लम्बा सफर ये समूह में उड़ते हुए पूरा करते हैं।

Ankur Shukla | Updated : Jan 11 2020, 02:42 PM
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प्रयागराज ( Uttar Pradesh) । धर्म नगरी प्रयागराज में इन दिनों माघ मेला चल रहा है। इस मेले में पूरी देश भर से लोग संगम में स्नान और कल्पवास करने आए हैं। इस ठंड में भी अपनी आस्था के चलते लोग सुबह-सुबह ठंडे पानी में डुबकी लगाते हैं, इनमें ये खास किश्म के पक्षी भी शामिल हैं, जो हजारों किमी दूर से संगम नगरी में आए हैं। इन विदेशी मेहमानों की अठखेलियां लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करती है। बड़ी बात तो यह कि इन पक्षियों को लोग श्रद्धालु खासकर कल्पवासी अपने सिर और हाथों पर बैठाकर भोजन (नमकीन) खिलाते हैं। जिसे ये बड़े चाव से अठखेलियां करते हुए खाते हैं।

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