Video: प्रशासन के सारे दावे फेल, काशी के अस्सी घाट पर वायु प्रदूषण की स्थिती बेहद खतरनाक
वीडियो डेस्क। क्लाइमेट एजेंडा द्वारा वाराणसी के स्वच्छ समझे जाने वाले अस्सी घाट पर स्थापित किये गए उच्च क्षमता वाले फिल्टर युक्त कृत्रिम फेफड़े महज दो दिन के अंदर धुंधले हो गए। आपको बता दें कि आम जन में वायु प्रदूषण की समझ पैदा करने के उद्देश्य से इस कृत्रिम फेफड़े की प्रदर्शनी स्थापित की गयी।
वीडियो डेस्क। क्लाइमेट एजेंडा द्वारा वाराणसी के स्वच्छ समझे जाने वाले अस्सी घाट पर स्थापित किये गए उच्च क्षमता वाले फिल्टर युक्त कृत्रिम फेफड़े महज दो दिन के अंदर धुंधले हो गए। आपको बता दें कि आम जन में वायु प्रदूषण की समझ पैदा करने के उद्देश्य से इस कृत्रिम फेफड़े की प्रदर्शनी स्थापित की गयी। जिसे रविवार को ही शहर के जाने माने चिकित्सक डॉ आर एन बाजपेई, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान के निदेशक डॉ ए एस रघुवंशी और योगिराज पंडित विजय प्रकश मिश्रा ने क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर के साथ स्थापित किया था। देखना यह था कि शहर के सबसे साफ माने जाने वाले अस्सी घाट पर प्रदूषण के बारे में प्रशासनिक दावों के पीछे की सच्चाई क्या है। वाराणसी में बीएचयू स्थित सर सुंदर लाल अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियक विशेसज्ञ डॉ ओम शंकर ने कहा "हम दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में यू ही नहीं शामिल हैं। महज दो दिनों में कृत्रिम फेफड़ों का ग्रे हो जाना साबित करता है कि शहर और आस पास रहने वाले लोगों का दिल और फेफड़ा वायु प्रदूषण की जड़ में है। बेहद जरूरी है कि इसे एक स्वास्थ आपातकाल मानते हुए जरूरी कदम उठाए जाएं।"