दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आख्यान की हुई शुरुआत, पद्मश्री मालिनी अवस्थी समेत अन्य लोग हुए शामिल
वाराणसी में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आख्यान की शुरुआत सोमवार से हुई। कार्यक्रम में पद्मश्री मालिनी अवस्थी समेत तमाम अन्य लोग भी उपस्थित हुए। इस बार यह संगोष्ठी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह से आय़ोजित हो रही है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के 'भारत अध्ययन केन्द्र' में अयोध्या शोध संस्थान एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज द्वारा संयुक्त रूप दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आख्यान का शुभारंभ हुआ। जिसमें सुप्रसिद्ध नाटककार मी पद्मश्री डॉ शेखर सेन, आध्यात्मिक चिंतन वृंदावन मथुरा से श्रीवत्स गोस्वामी, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति कमलेश दत्त त्रिपाठी एवं संगोष्ठी संयोजिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, एवं कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर सदाशिव कुमार द्विवेदी उपस्थित रहे।
पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो विचारआगे लाना चाहते थे उसका माध्यम यह कथा ही थी। परंपरा में जो गाथा गायन है। इस संगोष्ठी में प्रमुख विद्वान अलग-अलग विषयों पर अपने विचार रखेंगे। इस संगोष्ठी से जो नए छात्र है शोधार्थी हैं उनको भी भारत को समझने के लिए एक दृष्टि मिलेगी। यह संगोष्ठी इस बार ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से आयोजित की गई है जिसमें देश के विभिन्न जगह से जुड़ेंगे और इस संगोष्ठी में प्रतिभाग करेंगे।