क्या है प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, क्यों अयोध्या को इससे रखा गया था अलग...एक्सपर्ट ने एक एक प्वांइट में समझाया

वीडियो डेस्क। वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुर्खियों में है। काशी की ज्ञानवापी मस्जिद चर्चा का विषय बनी हुई है। मस्जिद का सर्वे पूरा हुआ तो लोगों के ये जानने की जिज्ञासा है कि सर्वे में क्या क्या मिला है। हांलाकि दावा किया जा रहा है कि मस्जिद के अंदर शिवलिंग मिला है। हिंदू पक्ष का दावा है कि वजू करने के स्थान पर शिवलिंग मिला है।  

/ Updated: May 17 2022, 07:11 PM IST
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वीडियो डेस्क। वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुर्खियों में है। काशी की ज्ञानवापी मस्जिद चर्चा का विषय बनी हुई है। मस्जिद का सर्वे पूरा हुआ तो लोगों के ये जानने की जिज्ञासा है कि सर्वे में क्या क्या मिला है। हांलाकि दावा किया जा रहा है कि मस्जिद के अंदर शिवलिंग मिला है। हिंदू पक्ष का दावा है कि वजू करने के स्थान पर शिवलिंग मिला है।  मामला कोर्ट में चल रहा है। 5 घंटे की वीडियोग्राफी रिकॉर्ड की गई है। हजारों फोटो मस्जिद के अंदर लिए गए हैं। मस्जिद में क्या मिला इसका खुलासा कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट सौंपने के बाद ही हो सकता है। लेकिन इस बीच चर्चा उस एक्ट की भी हो रही जो 1991 में धार्मिक स्थलों को लेकर ही बनाया गया था ।  जिसमें कहा गया कि 15 अगस्त,1947 को कोई धार्मिक ढांचा या पूजा स्थल जहां, जिस रूप में भी था वो वैसा ही रहेगा उस पर दूसरे धर्म के लोग दावा नहीं कर पाएंगे। इस एक्ट को प्लेसेज और वर्शिप एक्ट कहा गया। शिक्षाविद और विदेश मामलों के जानकार अभिषेक खरे ने इस कानून और ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे मसले को एक एक प्वाइंट से जरिए समझाया है आइये जानतें है?
 

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