सार

विएतनाम से एक मां-बेटे की कहानी वायरल हो रही है। 50 साल का बेटा, जो बचपन से ही मंदबुद्धि था, उसकी मां ने हमेशा उसका ख्याल रखा। अब जब बूढ़ी मां अपना ख्याल नहीं रख पाती तब बेटे ने उसकी जिम्मेदारी उठाई। 

विएतनाम: मां अपने बच्चों के पीछे अपनी पूरी जिंदगी न्यौछावर कर देती है। लेकिन बच्चे क्या करते हैं? जब तक मां से मतलब होता है, उसके साथ रहते हैं। पहिर अपना गृहस्थ जीवन बसा मां को बेसहारा छोड़ देते हैं। ऐसा ही कुछ किया विएतनाम में रहने वाली 90 साल की महिला के बच्चों ने। 90 साल की इस महिला के पांच बच्चे हैं। इनमें से दो की मौत हो गई, जबकि दो अपनी शादी के बाद मां को अकेला छोड़ गए। बचा सबसे छोटा बेटा तो वो बचपन से ही मंदबुद्धि था। मां ने उसका हमेशा ख्याल रखा। लेकिन जब 50 साल के बेटे को अहसास हुआ कि अब मां अपना भी ख्याल नहीं रख पाती, तो उसने मां का ख्याल रखने का फैसला किया।  

अपनी बीमारी के कारण छोटे बेटे को मालूम था कि कोई भी उसे काम नहीं देगा। फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी। भीख मांगने की जगह उसने कूड़ा बीनना शुरू किया। 

इससे मिले पैसों से वो अपनी मां के लिए दूध लेकर आता है। मंदबुद्धि होने के बावजूद उसे पता है कि उसकी मां अब 90 साल की उम्र में खाना चबा नहीं सकती। 

इतना ही नहीं, उम्र के कारण महिला खुद उठकर बाथरूम भी नहीं जा सकती। बेटा खुद उसके डायपर बदलता है। साथ ही उसे पोंछकर उसके कपड़े बदलता है। लोगों को मां-बेटे की ये कहानी भावुक कर रही है। कई लोगों ने महिला के दोनों बेटों को काफी कोसा जबकि सभी छोटे बेटे को आशीर्वाद दे रहे हैं।