सार

भारत के डॉक्टर्स ने एक ऐसी सर्जरी की है, जिसे चमत्कार से कम नहीं कहा जा सकता। भारतीय डॉक्टरों ने लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की, वो भी बिना खून का इस्तेमाल किए। 

बेंगलुरु: मेडिकल क्षेत्र में आए दिन भारत की तरफ से चमत्कार किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक चमत्कार बेंगलुरु के एस्टर सीएमआई हॉस्पिटल ने कर दिखाया। यहां नाइजीरिया से आए एक मरीज का डॉक्टर्स ने लिवर ट्रांसप्लांट किया, वो भी बिना ब्लड या ब्लड प्रोडक्ट्स यूज किये। आज तक दुनियाभर में ऐसे बेहद कम मामले ही देखने को मिले हैं। 

धर्म की रक्षा 
नाइजीरिया में रहने वाले 39 साल के जेहोजादाक की क्रिस्चन धर्म में आस्था है। इस धर्म में इलाज के दौरान खून का इस्तेमाल करना मना होता है। जेहोजादाक को लिवर की समस्या थी। उसने कई डॉक्टर्स को दिखाया। इसका इलाज लिवर ट्रांसप्लांट ही था। लेकिन इस प्रॉसेस में खून भी बहता। ऐसे में वो अपना इलाज नहीं करवा रहे थे। 

भारत के डॉक्टर्स ने पूरी की उम्मीद 
तभी नाइजीरिया से जेहोजादाक भारत आए। यहां बेंगलुरु के एस्टर सीएमआई हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने उनका लिवर ट्रांसप्लांट किया, वो भी बिना खून के इस्तेमाल के। टीम ने इसके लिए काफी रिसर्च की। इस ऑपरेशन की तैयारी में दो महीने का समय लगा था। 

12 घंटे चली सर्जरी 
पेशेंट ने एस्टर सीएमआई हॉस्पिटल के डॉक्टर्स को साफ़ कर दिया था कि अगर इलाज एक दौरान उसकी जान भी जाने लगे तब भी उन्हें खून का इस्तेमाल नहीं करना है। इस सर्जरी के लिए डॉक्टर्स की दो टीम बनाई गई। जिसमें हर टीम में 25 डॉक्टर्स थे। 12 घंटे मेहनत कर टीम ने मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट करने में सफलता हासिल कर ली।