सार

चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे वुहान वायरस भी कहते हैं। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात इन मरीजों की देखभाल में लगे हैं। उन्हें आराम करने का समय भी नहीं मिल रहा है। 
 

हटके डेस्क। चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे वुहान वायरस भी कहते हैं, क्योंकि चीन के इसी शहर में सबसे पहले इस वायरस का संक्रमण हुआ। करीब एक करोड़ की आबादी वाले इस शहर में अभी भी सबसे ज्यादा इस वायरस से संक्रमित मरीज हैं। वुहान के सभी अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों की भारी भीड़ है। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात इन मरीजों की देखभाल में लगे हैं। वे मरीजों की देखभाल में इतने व्यस्त हैं कि उनमें से बहुतों ने डायपर पहनना शुरू कर दिया है, क्योंकि उनके पास टॉयलेट तक जाने का भी समय नहीं है। ऐसी हालत में उन्हें आराम करने का बिल्कुल वक्त नहीं मिल पा रहा है। लेकिन जब ये डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी थक कर बिल्कुल चूर हो जाते हैं तो अस्पताल के फर्श पर या वहां पड़ी बेंचों पर ही कुछ समय के लिए सो जाते हैं, क्योंकि नींद पर किसी का वश नहीं है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
अस्पताल के फर्श और बेंचों पर आराम करते हुए इन डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की तस्वीरें लेकर कुछ लोगों ने चीन की प्रमुख सोशल मीडिया साइट वीबो पर पोस्ट कर दिया और उसका कैप्शन दिया - ये हैं देश के सच्चे नायक। ये तस्वीरें जल्दी ही वायरल हो गईं। जिसने भी ये तस्वीरें देखीं, वे डॉक्टरों को इस तरह फर्श पर सोते देख हैरान तो हुए ही, दिन-रात मरीजों की सेवा करने की उनकी भावना से बेहद प्रभावित हुए। 

सीसीटीवी न्यूज ने रिपोस्ट की तस्वीरें
ये तस्वीरें चीन के सीसीटीवी न्यूज पोर्टल ने दोबारा पोस्ट की और लिखा - "ये हमारे लिए बहुत ही कठिन संघर्ष कर रहे हैं। वे वायरस से लड़ रहे हैं। उन्हें सैल्यूट।" जिन लोगों ने भी इन तस्वीरों को देखा, उन्होंने डॉक्टरों की सराहना की, उनके प्रति आभार जताने वाले मैसेज किए और उनका उत्साह बढ़ाया। लोगों ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को उनके कठिन काम के लिए दिल से धन्यवाद दिया। 

जताया सम्मान
लोगों ने इन डॉक्टरों के प्रति बेहद सम्मान जताया। कुछ लोगों ने लिखा कि ऐसे लोग जो अपने घरों में आराम से रह रहे हैं और कहते हैं कि वे बोर हो रहे हैं, उन्हें इन डॉक्टरों की जिंदगी को देखना चाहिए, जो अपने घर नहीं जा सकते और सोने के लिए जिनके पास बेड तक की सुविधा नहीं है। उन्होंने लिखा कि ये डॉक्टर वाकई बेहद कठिन परिस्थितियों में काम कर रहे हैं, जबकि हम लोग अपने घरों में आराम से हैं।