सार

ब्रिक्स (BRICS) का विस्तार हुआ है। अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात इस संगठन के सदस्य बने हैं। इसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विस्तार से संगठन मजबूत होगा।

 

जोहान्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (15th BRICS Summit) का आयोजन हुआ। इस दौरान छह नए देशों को इस संगठन में शामिल करने का फैसला लिया गया। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विस्तार से यह संगठन और मजबूत होगा।

इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा, "हम ब्रिक्स के पूर्ण सदस्य बनने के लिए अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित करने के लिए समझौते पर पहुंचे हैं। सदस्यता जनवरी 2024 से प्रभावी होगी।"

नरेंद्र मोदी बोले- विस्तार से मजबूत होगा ब्रिक्स

नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति रामफोसा को ब्रिक्स सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूं। मुझे खुशी है कि तीन दिन की इस बैठक से कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। हमने ब्रिक्स की 15वीं वर्षगांठ पर इसका विस्तार करने का फैसला लिया है। भारत ने ब्रिक्स की सदस्यता में विस्तार का हमेशा से पूरी तरह समर्थन किया है। भारत का यह मत रहा है कि नए सदस्यों के जुड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत तथा हमारे सभी साझा प्रयासों को नया बल देने वाला होगा।"

 

 

पीएम ने कहा, "इस कदम से विश्व के अनेक देशों का मल्टी पोलर वर्ल्ड ऑर्डर में विश्वास बढ़ेगा। आज हम अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का ब्रिक्स में स्वागत करने के लिए सहमत हुए हैं। सबसे पहले मैं इन देशों के नेताओं और वहां के नागरिकों को बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि इन देशों के साथ मिलकर हम अपने सहयोग को एक नई गति और नई ऊर्जा देंगे। भारत के इन सभी देशों के साथ बहुत ही गहरे और ऐतिहासिक संबंध हैं। ब्रिक्स की मदद से हमारे द्विपक्षीय सहयोग में नए आयाम जुड़ेंगे। जिन अन्य देशों ने भी ब्रिक्स से जुड़ने की इच्छा व्यक्त की है भारत उनको भी पार्टनर कंट्री के रूप में जुड़ने के लिए सहमति बनाने में योगदान देगा।"

चंद्रयान-3 की सफलता पर मिल रही बाधाई के लिए धन्यवाद

नरेंद्र मोदी ने कहा, "ब्रिक्स का विस्तार एवं आधुनिकीकरण इस बात का संदेश है कि विश्व के सभी संस्थानों को बदलते समय की परिस्थितियों के अनुरूप ढलना चाहिए। यह एक ऐसी पहल है जो 20वीं सदी में स्थापित अन्य ग्लोबल संस्थानों में रिफॉर्म के लिए मिशाल बन सकता है।"

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उन्होंने कहा कहा, "यहां मुझे चंद्रयान-3 के लिए हर किसी से बधाइयां मिल रही हैं। दुनियाभर में इस सफलता को एक देश की सीमित सफलता के रूप में नहीं, बल्कि पूरी मानव जाति की सफलता के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। यह हम सभी लोगों के लिए गर्व का विषय है। कल शाम भारत के चंद्रयान ने चांद के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की। यह केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के वैज्ञानिक समुदाय के लिए बहुत बड़ी उपलब्धी है।"

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