सार
Afghanistan में संकट को बढ़ावा देने के पीछे पाकिस्तान का हाथ जगजाहिर हो चुका है। लेकिन इस मामले में पाकिस्तान का सपोर्ट करना BBC के लिए खासी बदनामी की वजह बन गया है। सोशल मीडिया उसकी बड़ी आलोचना हो रही है।
काबुल. Afghanistan में Taliban की सरकार बनाने के लिए पाकिस्तान अब खुलकर मदद कर रहा है। पंजशीर में नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स(NRF) पर पाकिस्तानी एयरफोर्स भी अटैक कर रही है। पूर्व उप-राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के घर पर जिस हेलीकॉप्टर से हमला हुआ, वो पाकिस्तान के CH-4 ड्रोन ने किया था। इसके जरिये ही मिसाइलें दागी गई थीं। अफगानिस्तान के मामले में पाकिस्तान की तरफदारी करना BBC की विश्वसनीय पत्रकारिता पर दाग लगा रहा है। यह भी बता दें कि तालिबानी सरकार के गठन से पहले पाकिस्तान के ISI चीफ जनरल फैज हामिद और कई अधिकारी काबुल पहुंच गए हैं।
पहले जानें क्यों पूरा मामला: जब BBC को पाकिस्तान के खिलाफ एक्सपर्ट का बोलना गंवारा नहीं हुआ
अफगानिस्तान के मामले को लेकर BBC की एंकर फिलीपा थॉमस दक्षिण एशियाई मामलों की एक्सपर्ट क्रिस्टीना फेयर से चर्चा कर रही थीं। क्रिस्टीना ने जब कहा कि पाकिस्तान ने कभी नहीं चाहा कि अफगानिस्तान में स्थिर सरकार बने, जिसके भारत से अच्छे संबंध हों। इस पर एंकर ने पाकिस्तान की तरफदारी करते हुए कहा कि अगर अफगानिस्तान में अस्थिरता होती है, तो इससे पाकिस्तान को भी शरणार्थी संकट का सामना करना पड़ेगा, इसलिए वो ऐसा क्यों करेगा? क्रिस्टीना ने तर्क दिया कि 1990 के दशक में तालिबान का समर्थन हो या भारत पर हमला करने वाले आतंकियों को पनाह देन का मामला, पाकिस्तान ने हमेशा यही किया। इस पर एंकर ने उन्हें टोक दिया कि इसका जवाब देने पाकिस्तानी राजनयिक या अधिकारी मौजूद नहीं है। एंकर ने यहां तक कह दिया कि वे पाकिस्तान पर लगे इन आरोपों को खंडन करती हैं। इसके जवाब में क्रिस्टीन ने कहा कि एंकर ऐसा करके पाकिस्तान के प्रॉपगैंडा की मदद कर रही हैं।
BBC की सोशल मीडिया पर जबर्दस्त आलोचना
इस मामले को लेकर BBC की सोशल मीडिया पर जबर्दस्त आलोचना हो रही है। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लोगों ने कहा कि एंकर ने कुछ ज्यादा ही अड़ियल रवैया दिखा दिया। कुछ ने इसे पाकिस्तान का प्रवक्ता तक बता दिया। पढ़िए BBC के पाकिस्तान प्रेम को लेकर सोशल मीडिया पर किस तरह के कमेंट्स आए...
#कांग्रेस नेता शशि थरूर ने tweet किया-तालिबान को बनाने से पाकिस्तान इनकार नहीं करता, लेकिन BBCWORLD बैलेंस दिखाने के चक्कर में दूसरी साइड(यानी पाकिस्तान) गिर जाता है। पश्चिम पत्रकारिता(Western journalistic) के साथ यही समस्या है। क्रिस्टीना फेयर की यह बात सभी ने मान ली है।
#भारत के जाने-माने पत्रकार और विदेशी मामलों के जानकार शेखर गुप्ता ने tweet किया-प्रिय BBC, आप किसी विद्वान/विशेषज्ञ को उसके स्वतंत्र ज्ञान(independent knowledge) के लिए आमंत्रित करते हैं और फिर उसे चुप करा देते हैं। क्योंकि सरकार की पोजिशन में इस बात का खंडन करने के लिए कोई आधिकारिक/प्रवक्ता (official/spokesperson ) नहीं है। इसलिए आप दोनों को भ्रमित कर रहे हैं।
एक यूजर ने BBC की न्यूज का हवाला देकर लिखा- तालिबान का कहना है कि वो कश्मीर मुसलमानों के लिए आवाज उठाएगा। बता दें कि तालिबान कश्मीर के मुद्दे पर बार-बार अपनी बात से पलटता आ रहा है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने BBC से बातचीत में कहा कि वो कश्मीर के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने का अधिकार रखते हैं। इस इंटरव्यू को लेकर भी BBC की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
#अफगान-अमेरिकन एक्टर मुस्तफा हैदरी(Mustafa Haidari) ने tweet किया- ये देश के लिए बहुत शर्मनाक है। एक विशेषज्ञ/विद्वान(expert/scholar) जो अफगानिस्तान में पाकिस्तान के युद्ध अपराधों (war crimes) का पर्दाफाश करना चाहती थी, उसे एंकर ने चुप करा दिया। यह प्रोफेशनलिज्म नहीं है।