सार
तालिबान शासन के हायर एजुकेशन मिनिस्टर नेदा मोहम्मद नदीम ने अपने साइन से सभी निजी व सरकारी विश्वविद्यालयों को लेटर जारी करते हुए यह कहा है कि अगले आदेश तक महिलाओं की शिक्षा को सस्पेंड रखा जाए। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
Women's Education ban in Afghanistan: अफगानिस्तान में महिलाओं के हायर एजुकेशन पर रोक लगा दिया गया है। पूरी दुनिया में तालिबान के इस आदेश की आलोचना के बाद तालिबान सरकार ने महिलाओं की शिक्षा पर बैन की वजह बताई है। तालिबान के उच्च शिक्षा मंत्री ने गुरुवार को कहा कि अफगान विश्वविद्यालयों को महिलाओं के लिए प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है क्योंकि छात्राएं उचित ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहीं थीं। वह सही कपड़े न पहनकर आ रही थीं न ही आदेशों का पालन कर रही थीं।
कपड़े ऐसे पहन रहीं थीं जैसे शादी में जा रहीं...
नेदा मोहम्मद नदीम ने एक इंटरव्यू में बताया कि जो छात्राएं घर से विश्वविद्यालयों में आ रही थीं, वे भी हिजाब के निर्देशों का पालन नहीं कर रही थीं...वे ऐसे कपड़े पहन रही थीं, जैसे किसी शादी में जा रही हों।
हजारों अफगानी लड़कियों-महिलाओं का करियर दांव पर...
अफगानिस्तान में महिलाओं-लड़कियों पर शरिया के नाम पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाने के बाद बीते 20 दिसंबर को लड़कियों की शिक्षा को भी प्रतिबंधित कर दिया। तालिबान अधिकारियों ने अफगान लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा पर अनिश्चिकालीन प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया। उच्च शिक्षा मंत्रालय ने सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को पत्र जारी कर लड़कियों की शिक्षा को प्रतिबंधित करने का आदेश दिया।
हायर एजुकेशन मिनिस्ट्री ने महिलाओं पर लगाया प्रतिबंध
तालिबान शासन के हायर एजुकेशन मिनिस्टर नेदा मोहम्मद नदीम ने अपने साइन से सभी निजी व सरकारी विश्वविद्यालयों को लेटर जारी करते हुए यह कहा है कि अगले आदेश तक महिलाओं की शिक्षा को सस्पेंड रखा जाए। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। मंत्रालय के प्रवक्ता जियाउल्लाह हाशिमी ने आदेश पत्र को ट्वीट भी किया था। उधर, महिलाओं के हायर एजुकेशन पर बैन के बाद हजारों का करियर दांव पर लग चुका है। तालिबान सरकार ने लड़कियों की शिक्षा पर प्रतिबंध उस समय लगाया है जब हजारों लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा दे चुकी हैं। कुछ ही दिन पहले एक सत्र समाप्त हुआ था। इस प्रतिबंध से हजारों लड़कियों व महिलाओं का एजुकेशनल करियर अंधकारमय हो गया। हजारों की संख्या में महिलाओं व लड़कियां ने डॉक्टरी व इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा दी थीं।
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