सार

रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी गणराज्यों डोनेट्स्क (Donetsk) और लुगांस्क (Lugansk) को स्वतंत्र मान्यता दे दी है। राष्ट्र के नाम संबोधन में पुतिन ने यह जानकारी दी है।  पुतिन ने यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं के साथ दोस्ती और सहायता समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं। 

मास्को। रूस (Russia) द्वारा पूर्वी यूक्रेन (estern Ukraine) के अलगाववादी क्षेत्रों को अलग देश के रूप में स्वतंत्र मान्यता देने के बाद दुनिया के देश खफा हो गए हैं। अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो देशों (NATO) ने रूस पर सख्त प्रतिबंध की तैयारी शुरू कर दी है। उधर, यूक्रेन के अलगाववादियों वाले दो क्षेत्रों को स्वतंत्र गणराज्यों के रूप में मान्यता के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN Genral Assembly) के सेक्रेटरी जनरल (Secretary General) ने अपने सारे टूर कैंसिल कर वापस हेडक्वार्टर के लिए निकल चुके हैं। उन्होंने रूस के कार्रवाई पर चिंता जताई है। उधर, यूएस और उसके सहयोगियों के यूएन सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी मीटिंग बुलाए जाने के अनुरोध के बाद आज यूक्रेन संकट पर मीटिंग होना निर्धारित किया गया है। 

रूस की कार्रवाई के बाद अमेरिका ने लगाए कई प्रतिबंध

रूस द्वारा यूक्रेन के पूर्वी हिस्से को दो अलग राष्ट्र के रूप में मान्यता के बाद खफा व्हाइट हाउस (White House) का कहना है कि रूस के अलगाववादी पूर्वी यूक्रेन क्षेत्रों को मान्यता देने के बाद राष्ट्रपति जो बिडेन मास्को पर नए प्रतिबंधों का आदेश दिए हैं। यह प्रतिबंध, पुतिन द्वारा मान्यता प्राप्त यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों में नए निवेश, व्यापार और वित्तपोषण पर रोक लगाएंगे। यूरोपीय संघ (Europian Union) के शीर्ष अधिकारियों ने भी कहा है कि ब्लॉक प्रतिबंध लगाएगा।

जर्मनी ने कहा रूस अपने वादे को तोड़ रहा

जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बारबॉक ने सोमवार को कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्रों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता देकर वैश्विक समुदाय के साथ अपने जुड़ाव से मुकर रहा है। रूस ने 2014 में मिन्स्क शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन अपने निर्णय के साथ, रूस विश्व समुदाय के लिए अपने सभी वादों को तोड़ रहा है।

नाटो ने भी की निंदा

NATO प्रमुख जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि यह मास्को द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन है। स्टोल्टेनबर्ग ने एक बयान में कहा कि वह स्व-घोषित 'डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक' और 'लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक' को मान्यता देने के रूस के फैसले की निंदा करते हैं। यह आगे यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करता है, संघर्ष के समाधान की दिशा में प्रयासों को नष्ट करता है, और मिन्स्क समझौते का उल्लंघन करता है, जिसमें रूस एक पार्टी है। मास्को अलगाववादियों को वित्तीय और सैन्य सहायता प्रदान करके पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष को बढ़ावा देना जारी रख, एक बार फिर यूक्रेन पर आक्रमण करने का बहाना बनाने की कोशिश कर रहा है।

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने जताई चिंता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दो पूर्वी यूक्रेनी अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र सोमवार के रूप में मान्यता देने के रूस के कदम को कीव की संप्रभुता के उल्लंघन के रूप में निंदा की। उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने एक बयान में कहा कि महासचिव यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों के कुछ क्षेत्रों की स्थिति से संबंधित रूसी संघ के फैसले से बहुत चिंतित हैं। महासचिव रूसी संघ के निर्णय को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के सिद्धांतों के साथ असंगत मानते हैं।
यूक्रेन संकट के बीच बिगड़ते हालातों के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख (United Nations Chief) ने अपने सारे कार्यक्रम कैंसिल कर दिए हैं। वह वापस न्यूयार्क पहुंच रहे। उनके प्रवक्ता ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव Antonio Guterres अपने कार्यक्रम को रद्द कर दिया और यूक्रेन के बारे में बिगड़ती स्थिति का हवाला देते हुए न्यूयॉर्क में मुख्यालय पहुंच रहे। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस, मंगलवार को न्यूयॉर्क में वापस होंगे। स्टीफन दुजारिक ने कहा, रूस द्वारा घोषणा के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कार्यक्रम कैंसिल कर दिए। गुटेरेस ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य की अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा को रद्द कर दी है। 

ब्रिटेन के पीएम ने कहा-यूक्रेन की अखंडता का उल्लंघन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कहना है कि रूस का अलगाववादी कदम यूक्रेन की अखंडता का उल्लंघन है। पीएम बोरिस जॉनसन ने सोमवार को अलगाववादी गणराज्यों की रूस की मान्यता को यूक्रेन की संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन बताया। उन्होंने शांति समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों की स्वतंत्रता की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मान्यता मिन्स्क समझौतों का उल्लंघन है। 

ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस ने कहा कि पुतिन का कदम मिन्स्क प्रक्रिया के अंत का संकेत देता है और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन है। ट्रस ने ट्वीट किया कि हम रूस द्वारा अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के उल्लंघन को यू ही नहीं जाने देंगे।

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यूरोपीय संघ ने बताया अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र की मान्यता अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। डेर लेयेन ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हाल के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र की मान्यता अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। यूरोपीय संघ और उसके सहयोगी एकता के साथ प्रतिक्रिया देंगे।

एस्टोनिया रूस के अवैध फैसले को कभी स्वीकार नहीं करेगा

एस्टोनिया के राष्ट्रपति अलार करिस ने पुतिन के विवादास्पद फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। ट्विटर पर उन्होंने कहा कि एस्टोनिया रूस द्वारा डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों को मान्यता देने के अवैध निर्णय को कभी स्वीकार नहीं करेगा। वे क्रीमिया की तरह यूक्रेन का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हिस्सा हैं। जाहिर है, मास्को कूटनीति को लेकर गंभीर नहीं है।

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यूक्रेन की संप्रभुता पर हमला

लातविया के प्रधान मंत्री आर्टर्स क्रिस्जैनिस कारिन्स ने भी पुतिन के विवादास्पद फैसले को गलत बताया है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि रूसी संघ के राष्ट्रपति द्वारा सरकार के नियंत्रण से बाहर यूक्रेनी क्षेत्रों, लुहान्स्क और डोनेट्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता देने के लिए लिया गया निर्णय, यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता पर हमले की निरंतरता है। 

ग्रैंडमास्टर ने भी की पुतिन की आलोचना

शतरंज के ग्रैंडमास्टर और ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन के अध्यक्ष गैरी कास्पारोव ने डोनेट्स्क और लुहांस्क से अलग हुए क्षेत्रों की स्वतंत्रता के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना की है। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति के भाषण को ऐतिहासिक और भ्रम पर आधारित करार दिया। पुतिन का भाषण रोंगटे खड़े कर देने वाला बन गया, ऐतिहासिक शिकायतों और भ्रमों का एक पेंच, रूसी अपमान का मिथक। नाटो और अमेरिका पर ध्यान इसलिए है क्योंकि बड़े मालिकों को सबसे बड़े दुश्मनों की जरूरत है और यूक्रेन ऐसा नहीं करेगा। लेकिन यूक्रेन को पुतिन की अक्षमता के लिए भुगतना होगा।

क्या है Russia-Ukraine conflict ?

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। शीत युद्ध के बाद से यूक्रेन के आसपास सैनिकों की टुकड़ी को यूरोप में सबसे खराब सुरक्षा जोखिम के रूप में देखा जा रहा है। तनाव का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो से करीबी संबंध है। यूक्रेन की कोशिश है कि उसे नाटो में शामिल कर लिया जाए। वहीं, रूस को यह मंजूर नहीं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन जाए और इस संगठन की सेनाएं उसकी सीमा के करीब पहुंच जाए। रूस इसे अपने लिए खतरे के रूप में देखता है। 

यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनने से रोकने के लिए रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। इसके साथ ही उसने बेलारूस और ब्लैक सी में भी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा। अमेरिका ने ऐसी कोई गारंटी देने से इनकार कर दिया था।

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