तालिबान-पाकिस्तान की जंग के बीच शुक्रवार 17 अक्टूबर को अफगानिस्तान की धरती भूकंप से दहल उठी। इस भूकंप का केंद्र राजधानी काबुल से 133 किलोमीटर पूर्व की ओर जमीन के 10 किलोमीटर गहराई में था। फिलहाल इसमें किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

Earthquake in Afghanistan: पाकिस्तान और तालिबान के बीच पिछले 8 दिनों से चल रहे युद्ध के बीच शुक्रवार को अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान बॉर्डर पर भूकंप के तेज झटकों से धरती हिल गई। रिक्टर पैमाने पर 5.6 तीव्रता वाले इस भूकंप के झटके पाकिस्तान तक महसूस किए गए हैं। जर्मन भूविज्ञान अनुसंधान केंद्र के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था। फिलहाल इस भूकंप से किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।

अफगानिस्तान में एक ही दिन में भूकंप का दूसरा झटका

नेशनल अर्थक्वेक साइंस सेंटर के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह करीब 5.23 बजे ही अफगानिस्तान में 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। उसके कुछ ही घंटों बाद दोबारा भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप का एपी सेंटर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से करीब 133 किलोमीटर पूर्व में था।

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भूकंप ने डेढ़ महीने पहले अफगानिस्तान में ढाया कहर

31 अगस्त 2025 को पूर्वी अफगानिस्तान में पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाके में रिक्टर स्केल पर 6 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप का एपी सेंटर कुनार प्रांत के नरगल जिले में था। इस भूकंप की वजह से अफगानिस्तान में जान-माल का काफी नुकसान हुआ था। अफगानिस्तान में इमारतें ढहने की वजह से जहां 3000 लोगों की जान चली गई, वहीं 4000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।

8000 से ज्यादा बिल्डिंगों को पहुंचा था नुकसान

31 अगस्त को अफगानिस्तान में आए भूकंप में कुनार प्रांत के कई जिलों की करीब 8000 से ज्यादा इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गई थीं। बता दें कि अफगानिस्तान एक पहाड़ी इलाका है, जहां अक्सर भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं। बता दें कि अफगानिस्तान में औसतन हर साल 500 से ज्यादा लोगों की मौत सिर्फ भूकंप की वजह से होती है। वहीं, इसके चलते हर साल करीब 80 मिलियन डॉलर यानी 700 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।

अफगानिस्तान में क्यों आते हैं इतने ज्यादा भूकंप?

अफगानिस्तान हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला में आता है, जहां यूरोएशियन प्लेट अरेबियन और इंडियन प्लेट से टकराती है। इस टकराव के चलते ही इस इलाके में बड़ी संख्या में भूकंप आते हैं। कुछ भूकंप कम तीव्रता के होते हैं, जिनका पता ही नहीं चलता। एक अनुमान के मुताबिक, इस इलाके में हर साल 100 से ज्यादा भूकंप आते हैं।

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