सार
पानी पूरी एक ऐसा आइटम है, जिसे हर देश में पसंद किया जाता है, लेकिन अकसर इसका खराब पानी और अन्य सामग्री हेल्थ के लिए घातक साबित होती है। खासकर बारिश में और वो भी सड़क किनारे पानी पूरी खाते हैं, तो आपको Alert होने की जरूरत है। नेपाल के एक शहर में फिलहाल पानी से बने आइटम्स (जिनमें पानी पूरी खास है) पर बैन लगा दिया है। जानिए क्यों लेना पड़ा यह फैसला...
वर्ल्ड न्यूज डेस्क. नेपाल की काठमांडू घाटी के ललितपुर में गोलगप्पे बेचने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। दरअसल, यहां कॉलरा (हैजा) तेजी से फैल रहा है। ललितपुर मेट्रोपॉलिटिन सिटी (LMC) की जांच में सामने आया है कि गोलगप्पे में इस्तेमाल किए जाने वाले पानी में हैजा के बैक्टीरिया पाए गए हैं। काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी(Kathmandu Metropolitan City h) ने 30 जून से सड़कों पर खाने की बिक्री पर रोक लगा दी है। निगम ने कहा है कि हैजा(cholera) पर काबू पाने के लिए उसने यह कदम उठाया है। चूंकि काठमांडू घाटी में हैजा के रोगियों की संख्या बढ़ रही है, इसलिए पानी आधारित खाद्य पदार्थों( water based food items) जैसे गोलगप्पा की बिक्री बंद कर दी गई है। इसे लेकर प्रशासन सख्त है। आदेश में कहा गया है कि अगर कोई ऐसा करते पकड़ा गया, तो जुर्माने सहित जेल भी जाना पड़ सकता है।
इसलिए बैन लगाना था जरूरी
शहर के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख बलराम त्रिपाठी ने बताया कि विभाग ने खाद्य प्रौद्योगिकी और गुणवत्ता नियंत्रण विभाग(Department of Food Technology and Quality Control) से कहा है कि होटल रेस्तरां के फूड हाइजेन की जांच की जाए। नागरिकों की सुविधा के लिए 24 घंटे 1180 हॉटलाइन टेलीफोन सर्विस शुरू की है। दरअसल, गोलगप्पे में जो पानी इस्तेमाल होता है, उसे खट्टा बनाने के लिए दुकानदार आमतौर पर कच्चे और सूखे आम, इमली, नींबू जैसी चीजों को मिलाया जाता है। लेकिन आम हर सीजन में उपलब्ध नहीं होता और नींबू भी महंगा हो जाता है, ऐसे में दुकानदार इसके लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड (Hydrochloric Acid), सल्फ्यूरिक एसिड (Sulphuric Acid), टार्टेरिक एसिड (Tartaric Acid), ऑक्जेलिक एसिड (oxalic acid) जैसे एसिड का घोल तैयार करते हैं। पानी को पुदीना की तर्ज पर हरा दिखाने के लिए आर्टिफिशियल कलर मिला देते हैं। ये चीजें स्लो पॉइजन का काम करती हैं और हेल्थ बिगाड़ देती हैं। गोलगप्पे के पानी में अधिक नमक का यूज किया जाता है, इससे हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत भी होने लगती है। आमतौर पर ज्यादातर दुकानदार अधिक मुनाफे के चक्कर में सस्ते और घटिया क्वालिटी के तले में गोलगप्पे तलते हैं। अकसर यूज तेल का भी इस्तेमाल किया जाता है।
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वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन(WHO) के अनुसार, गंदे पानी के जरिये vibrio cholera bacteria जब बॉडी में पहुंचते हैं, तब हैजा होता है। जहां साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है, वहां इसके फैलने का खतरा अधिक होता है। हैजा के लक्षण-पेट में गड़बड़, उल्टी, ब्लड प्रेशर लो, मुंह-गला और आंखों का ड्राय होना, अधिक प्यास लगना, थकावट, पेशाब बंद होना आदि। हैजा बच्चों के लिए अधिक घातक साबित होता है।
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