सार
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दिया और देश छोड़ दिया है। इसके बाद हुई हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं। मंगलवार को ढाका में स्थिति शांत बताई जा रही है।
ढाका। विरोध प्रदर्शन और हिंसा (Bangladesh violence) के बीच सोमवार को शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने पीएम पद से इस्तीफा दिया और देश छोड़ दिया। इसके कुछ ही घंटों बाद बांग्लादेश में फैली अराजकता के कारण हुई हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे गए।
बांग्लादेश के BDNews24.com न्यूजपोर्टल के अनुसार सोमवार की अशांति और तनाव के बाद मंगलवार सुबह ढाका में स्थिति काफी हद तक शांत थी। बसें सड़कों पर थी। व्यापारी दुकानें खोल रहे थे। सरकारी वाहन दफ्तरों की ओर जा रहे थे।
शेख हसीना के जाने की खबर फैलते ही शुरू हो गई थी लूटपाट
सोमवार को जैसे ही शेख हसीना के जाने की खबर फैली लूटपाट शुरू हो गई थी। ढाका और ढाका के बाहर हसीना की अवामी लीग सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों और नेताओं के घरों पर हमले हुए। उन्हें जला दिया गया।
बांग्लादेश में सोमवार को हुई हिंसा में मारे गए 119 लोग
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को हुई हिंसा में 119 लोग मारे गए। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। हिंदू मंदिरों पर हमले हुए। उन्हें लूटा गया। बंगाली भाषा के समाचार पत्र आलो ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को ढाका सहित देश के विभिन्न हिस्सों में हुई झड़पों में कम से कम 109 लोग मारे गए। इससे पहले रविवार को 114 लोगों की मौत हुई थी। 21 दिनों में 440 लोगों की मौत हुई।
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ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए गए 37 शव
सोमवार सुबह 11 बजे से रात 8 बजे के बीच 37 शव ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाए गए। 500 लोगों को गोली लगने सहित गंभीर जख्म के साथ अस्पताल लाया गया था। ढाका ट्रिब्यून ने बताया कि सोमवार को पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़प के बाद सावर और धामराई इलाकों में कम से कम 18 लोग मारे गए। ढाका के उत्तरा में दस लोगों की मौत हो गई। हबीगंज में छह, जेस्सोर में आठ, खुलना में तीन, बारीसाल में तीन, लक्ष्मीपुर में 11, कुश्तिया में छह, सतखीरा में तीन और गाजीपुर के श्रीपुर में छह लोगों की मौत हुई।
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