सार
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था(economy) होने का दंभ भरने वाले चीन पर आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा है। बिजली संकट के चलते यहां फैक्ट्रियों में ताले लग रहे हैं। सितंबर तिमाही में यहां की अर्थव्यवस्था 4.9% पर आकर गिरी है। अगर यही हाल रहा, तो चीन भयंकर आर्थिक संकट में फंस जाएगा। दुनिया में सिर्फ भारत की इकोनॉमी ही लगातार सुधर रही है।
बीजिंग. कोरोना वायरस महामारी(corona virus epidemic) से उबरने में लगी दुनिया के बीच चीन के लिए एक सदमे वाली खबर है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, नई तिमाही में चीन की आर्थिक तरक्की धड़ाम से गिर पड़ी है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन सितंबर के महीने के अंत तक 4.9% की रेट से ही आगे बढ़ सका है। इससे पहले यह रेट 7.9% थी। सरकार ने ये आंकड़े जारी किए हैं। इसकी वजह निर्माण कार्यों में आई मंदी और ऊर्जा के प्रयोग पर लगाई गई पाबंदी मानी जा रही है। बिजली संकट के चलते फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं। फैक्ट्री प्रोडक्शन, रिटेल बिक्री और कंस्ट्रक्शन में इनवेस्ट में तगड़ा झटका लगा है। यानी चीन पर 'मंदी' का संकट मंडरा रहा है। दुनिया में सिर्फ भारत की इकोनॉमी ही लगातार सुधर रही है।
लाखों रोजगार पर संकट
चीन की इकोनॉमी पर आए इस संकट का असर कंस्ट्रक्शन के अलावा तमाम क्षेत्रों पर पड़ा है। कंस्ट्रक्शन की फील्ड में चीन एक बड़ा नाम है। यहां लाखों लोगों को इसमें रोजगार मिला हुआ है। पिछले साल नियामकों(regulators) ने बिल्डरों पर अपना नियंत्रण बढ़ाया था। इसकी वजह बिल्डर्स द्वारा अपेक्षा से कहीं ज्यादा कर्ज लेना है। चीन का सबसे बड़ा कंस्ट्रक्शन ग्रुप एवरग्रैंड बांडधारकों को अरबों डॉलर का भुगतान नहीं कर पाने के कारण संकट में फंसा हुआ है।
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उम्मीद से भी नीचे गिरी अर्थव्यवस्था
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, उम्मीद जताई जा रही थी कि यह रेट 5.2% तक रह सकती है, लेकिन चीन यह आंकड़ा भी नहीं छू सका। सितंबर महीने में इंडस्ट्रीयल प्रोडक्शन 3.1% ही बढ़ सका, जबकि उम्मीद 4.5% रहने की थी। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी विभाग(national statistics department) की तरफ से सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बारे में आधिकारिक बयान जारी किया गया है। इसमें विभाग के प्रवक्ता फू लिंगहुई ने बताया कि, तीसरी तिमाही में जबसे अर्थव्यवस्था पहुंची है, तब से ही घरेलू और विदेशी खतरे और चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं।
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आगे भी संकट बढ़ेगा
पहली तिमाही में 18.3% की वृद्धि और दूसरी तिमाही में 7.9% की वृद्धि से विकास धीमा हो गया है। राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (National Bureau of Statistics-NBS) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल की पहली छमाही में चीन की GDP सालाना आधार पर 12.7% बढ़कर 53.2 ट्रिलियन युआन (8.2 ट्रिलियन डॉलर) तक पहुंच गई। NBS के आंकड़ों से पता चलता है कि पहले 9 महीनों में अचल संपत्ति(real estate) निवेश में 7.3% जबकि संपत्ति विकास निवेश में 8.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। मूडीज(Moody's) ने ग्लोबल टाइम्स को भेजी एक रिपोर्ट में, US-आधारित रेटिंग फर्म ने यह भी संकेत दिया कि चीन की बिजली कटौती देश के आर्थिक तनाव को बढ़ाएगी और 2022 के लिए इसकी GDP वृद्धि पर भार डालेगी। विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि चौथी तिमाही में चीन की GDP वृद्धि को अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ेगा, जो पूरे 2021 के लिए चीन की GDP वृद्धि को और नीचे खींच सकता है।
भारत की अर्थव्यवस्था 2021 में 9.5 प्रतिशत और 2022 में 8.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद
हाल में आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ (Geeta Gopinath) ने कहा कि उनके जुलाई के पूर्वानुमान की तुलना में, 2021 के लिए वैश्विक विकास अनुमान को मामूली रूप से संशोधित कर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है और 2022 के लिए 4.9 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा 12 अक्टूबर को जारी नवीनतम अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2021 में 9.5 प्रतिशत और 2022 में 8.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। कोविड -19 महामारी (Covid-19 Pandemic) के कारण यह 7.3 प्रतिशत थी। क्लिक करके पढ़ें पूरी खबर